दिल का ख्याल रखना बेहद जरूरी है क्योंकि खराब लाइफस्टाइल और खानपान से दिल पर बुरा असर होता है। जब शरीर में कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ता है तो इसका खामियाजा दिल को चुकाना पड़ता है।
दिल की बीमारी की सबसे बड़ी वजह शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना है। यह दिल की आर्टरीज में प्लेग के रूप में जमा होने लगता है, जिससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है। इसलिए कोलेस्ट्रॉल का लेवल हमेशा कंट्रोल में रखना जरूरी है।
क्या है पेरिफेरल आर्टरी डिजीज?
जब शरीर में कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ता है, तो हाथ-पैरों की आर्टरीज में प्लेग जमा होने लगता है। इस कंडीशन को पेरिफेरल आर्टरी डिजीज कहते हैं। यह ज्यादातर पैरों में नजर आती है।
कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर हाथ-पैर में दिखने वाले लक्षण
1. हाथ-पैरों में झंझनाहट: कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से हाथ-पैरों की आर्टरीज में प्लेग इकट्ठा होता है, जिससे ब्लड सर्कुलेशन में गड़बड़ी होती है और हाथ-पैरों में झंझनाहट शुरू हो जाती है।
2. पैरों में क्रैम्पस: पैरों की आर्टरीज ब्लॉक होने पर ब्लड के जरिए ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती, जिससे चलने में दिक्कत होती है और पैरों में बार-बार दर्द होता है।
3. हाथ-पैरों का ठंडा रहना: कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से हाथ-पैर ठंडे हो जाते हैं, जो बताता है कि ब्लड का फ्लो ठीक से नहीं हो रहा है।
4. हाथ-पैरों में दर्द: कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर हाथ-पैरों में दर्द होता है क्योंकि आर्टरीज ब्लॉक हो जाती हैं और खून ठीक से नहीं पहुंच पाता।
बैड कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के लक्षण
खराब कोलेस्ट्रॉल की समस्या तेजी से बढ़ रही है। खासकर युवाओं में यह समस्या अधिक देखने को मिलती है, जो मल्टीनेशनल कंपनियों में काम करते हैं। बैड कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से कई बीमारियों का जोखिम बढ़ता है, और यह हार्ट अटैक का कारण बन सकता है।
अगर आपको इन लक्षणों में से कोई भी नजर आए, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। सही समय पर जांच और इलाज से आप स्वस्थ रह सकते हैं।