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कुमाऊं विश्वविद्यालय की परीक्षा समिति और वित्त परिषद की बैठक में क्रेडिट स्कोर के प्रावधानों में शिथिलता प्रदान की गई है। इससे स्नातक में बैक परीक्षा देने वाले उन सभी छात्र-छात्राओं को बड़ी राहत मिली है, जो प्रथम और द्वितीय सेमेस्टर में सभी विषयों में पास नहीं होने के कारण चतुर्थ सेमेस्टर से पंचम सेमेस्टर में प्रवेश नहीं ले पा रहे थे।

बैक परीक्षा में प्रोन्नत नहीं होने के कारण सैकड़ों छात्रों को अपना साल बर्बाद होने का भय सता रहा था। इसको लेकर कुछ दिन पूर्व एमबीपीजी कॉलेज में छात्र उमा शंकर तिवारी के नेतृत्व छात्रों ने प्राचार्य कक्ष के बाहर धरना-प्रदर्शन किया था। छात्रों की मांग देखते हुए प्राचार्य डॉ. एनएस बनकोटी ने कुमाऊं विश्वविद्यालय प्रशासन को पत्र भेजा।

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विश्वविद्यालय के अंतर्गत सभी कॉलेजों में चतुर्थ सेमेस्टर में लगभग 8 हजार छात्र पढ़ रहे थे, जिसमें लगभग 2600 छात्र प्रोन्नत नहीं हो पाए थे। अकेले एमबीपीजी कॉलेज में 500 से अधिक छात्रों को अगले सेमेस्टर में प्रवेश नहीं मिल पा रहा था। 

 कुमाऊं विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक महेंद्र राणा ने बताया कि अध्यादेशों के प्रावधानों के कारण छात्र-छात्राओं को प्रोन्नत नहीं किया गया था। बैठक के बाद प्रावधानों में शिथिलता दी गई, जिससे लगभग 99 प्रतिशत छात्र प्रोन्नत हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि शिथिलता मिलने के बाद प्रथम, द्वितीय और तृतीय सेमेस्टर में क्रेडिट स्कोर पास करने वाले छात्रों को चतुर्थ सेमेस्टर में सभी विषयों में फेल होने के बाद भी अगली कक्षा में प्रोन्नत कर दिया गया है।

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बताया कि सभी विषयों में फेल होने वाले तृतीय और चतुर्थ सेमेस्टर वाले छात्र जो अपना 50 प्रतिशत क्रेडिट स्कोर प्राप्त नहीं कर पाए हैं, उन्हें अगली कक्षा में प्रवेश नहीं मिल पाएगा। फाइनल डिग्री के लिए छात्रों को सभी सेमेस्टरों की परीक्षाओं में पास होना जरूरी है।

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छात्रों की मांग के बाद कुमाऊं विश्वविद्यालय को पत्र भेजा गया था। कुलपति ने मामले में संज्ञान लिया और इस संबंध में बैठक हुई। जिसके बाद विश्वविद्यालय में बैक परीक्षा को लेकर नियमों मे संशोधन किया गया है।
– प्राचार्य डॉ. एनएस बनकोटी, एमबीपीजी कॉलेज 

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