कोर्ट से नहीं मिली राहत, जनता में आक्रोश, जांच में यौन क्षमता परीक्षण की उठी मांग
📍 स्थान: नैनीताल, उत्तराखंड
📅 तारीख: 18जुलाई 2025
🔷 मुख्य बिंदु (Top Highlights)
➡️ 12 वर्षीय नाबालिग बालिका से दुष्कर्म के आरोप में नामजद ठेकेदार मो. उस्मान को जमानत नहीं मिली
➡️ न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की एकलपीठ ने अगली सुनवाई 30 जुलाई 2025 को निर्धारित की
➡️ आरोपी ने स्वयं को निर्दोष बताते हुए साजिश का दावा किया
➡️ नैनीताल में भारी विरोध-प्रदर्शन और तोड़फोड़, जनता में गुस्सा
➡️ पुलिस ने कोर्ट में आरोपी की यौन क्षमता की जांच के लिए अनुमति मांगी
➡️ POCSO एक्ट के तहत चल रही है जांच, मेडिकल रिपोर्ट अहम मानी जा रही
📜 मामले का संक्षिप्त विवरण
नैनीताल शहर में एक 12 वर्षीय नाबालिग बालिका से दुष्कर्म के गंभीर मामले में आरोपी ठेकेदार मोहम्मद उस्मान खान को नैनीताल उच्च न्यायालय से कोई राहत नहीं मिली।
🧑⚖️ न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की एकलपीठ ने आरोपी की जमानत याचिका पर अगली सुनवाई की तिथि 30 जुलाई को निर्धारित की है। आरोपी ने अपने बचाव में कहा कि वह शहर का प्रतिष्ठित ठेकेदार है और इस मामले में उसे साजिशन फंसाया गया है।
🔍 जनता का आक्रोश और विरोध प्रदर्शन
इस शर्मनाक घटना से आक्रोशित नैनीताल की जनता सड़क पर उतर आई और कई स्थानों पर प्रदर्शन और तोड़फोड़ हुई। लोगों ने आरोपी की गिरफ्तारी और कड़ी सजा की मांग की। प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए सुरक्षा बलों की तैनाती की।
🧪 यौन क्षमता परीक्षण की मांग: जांच का अहम मोड़
🔸 मामले की विवेचना कर रही पुलिस ने पॉक्सो कोर्ट में एक प्रार्थना पत्र दाखिल कर आरोपी उस्मान की यौन क्षमता की जांच की अनुमति मांगी है।
🔸 पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह मेडिकल रिपोर्ट इस संवेदनशील मामले की जांच में महत्वपूर्ण साक्ष्य प्रदान कर सकती है।
🔸 कोर्ट की अनुमति के बाद यह परीक्षण किया जाएगा, जिसकी रिपोर्ट को जांच का हिस्सा बनाया जाएगा।
⚖️ अगला चरण: 30 जुलाई की सुनवाई पर सबकी नजरें
अब इस बहुचर्चित मामले की अगली सुनवाई 30 जुलाई को होनी है। क्या कोर्ट आरोपी की जमानत याचिका को स्वीकार करेगा या उसे न्यायिक हिरासत में ही रहना पड़ेगा — इसका निर्णय आने वाला है।
🛑 इस बीच, जनता आरोपी के खिलाफ कठोरतम सजा की मांग कर रही है।
🗣️ समाज का सवाल – क्या मिलेगा पीड़िता को न्याय?
👉 यह मामला न केवल नैनीताल बल्कि पूरे राज्य के लिए सामाजिक चेतना का परीक्षण बन गया है।
👉 लोग यह जानना चाहते हैं कि क्या न्यायपालिका और पुलिस मिलकर दोषी को सजा दिला पाएंगे?
👉 मीडिया, समाज और कानून की नजरें अब इस केस की हर सुनवाई पर टिकी हैं।



