💔 सितारगंज से शर्मनाक खुलासा! 🚨 सरकारी डॉक्टर पर लगा करप्शन का आरोप, ₹26 हज़ार के लालच में ली प्रसूता की जान
👉 सितारगंज, संवाददाता।
उत्तराखंड के सितारगंज उप जिला चिकित्सालय से जुड़ा एक बड़ा करप्शन कांड सामने आया है। यहां तैनात महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. नेहा सिद्दीकी पर आरोप है कि उन्होंने प्रसव पीड़ा से जूझ रही गर्भवती महिला को जानबूझकर नगर के आस्था मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल में रेफर कर ऑपरेशन किया।
ऑपरेशन के बाद महिला की हालत बिगड़ी और आखिरकार हायर सेंटर रेफर करने पर इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। जांच में यह साबित हुआ कि डॉक्टर ने नियमों के विरुद्ध निजी अस्पताल में ऑपरेशन किया और 26 हज़ार रुपये लिए गए।
✨ Highlights
✔️ सरकारी डॉक्टर पर नियम तोड़कर निजी अस्पताल में ऑपरेशन करने का आरोप।
✔️ ₹26,000 में डील, ऑपरेशन के बाद महिला की मौत।
✔️ आस्था हॉस्पिटल में न विशेषज्ञ डॉक्टर मिले, न रजिस्टर्ड स्टाफ।
✔️ सीएमओ ने अस्पताल का पंजीकरण निरस्त कर संचालन रोका।
✔️ ₹75,000 जुर्माना और सीलिंग की चेतावनी।
📌 मामला कैसे शुरू हुआ?
🔹 शिकायतकर्ता बक्शीश सिंह (ग्राम पिंडारी) ने बताया –
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21 अगस्त की रात उनकी 24 वर्षीय पुत्री काजल को प्रसव पीड़ा हुई।
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उसे उप जिला चिकित्सालय में भर्ती किया गया।
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रात करीब 2 बजे ऑपरेशन की बात कहकर उसे आस्था हॉस्पिटल भेजा गया।
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डॉ. नेहा सिद्दीकी के फोन पर एम्बुलेंस आई और ₹26,000 में ऑपरेशन तय हुआ।
👉 ऑपरेशन के बाद बच्चे को दूसरे निजी अस्पताल में भर्ती किया गया।
👉 24 अगस्त को काजल को सुशीला तिवारी अस्पताल भेजा गया।
👉 25 अगस्त को इलाज के दौरान जौलीग्रांट हिमालयन हॉस्पिटल (देहरादून) में उसकी मौत हो गई।
परिजनों का आरोप है कि कमीशनखोरी और पैसे के लालच ने उनकी बेटी की जान ले ली।
🚨 जांच रिपोर्ट में खुलासा
महानिदेशक स्वास्थ्य के आदेश पर जांच टीम गठित हुई।
अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. एसपी सिंह और वरिष्ठ गायनोकोलॉजिस्ट डॉ. कनक बनौघा ने जांच की और पाया कि:
✔️ डॉ. नेहा सिद्दीकी ने मरीज को निजी अस्पताल भेजकर नियमों का उल्लंघन किया।
✔️ आस्था हॉस्पिटल में विशेषज्ञ चिकित्सक और पंजीकृत पैरा मेडिकल स्टाफ मौजूद नहीं था।
✔️ ओटी की व्यवस्था संतोषजनक नहीं मिली।
✔️ मरीजों को भ्रमित कर इलाज किया जाता था।
🏥 आस्था हॉस्पिटल पर गिरी गाज
➡️ जांच रिपोर्ट के बाद सीएमओ डॉ. केके अग्रवाल ने 26 सितम्बर को नोटिस जारी किया।
➡️ अस्पताल का पंजीकरण अस्थायी रूप से निरस्त कर दिया गया।
➡️ संचालन पर रोक लगा दी गई है।
➡️ 3 दिन में जवाब दाखिल न करने पर अस्पताल सील करने की चेतावनी।
➡️ अस्पताल पर ₹75,000 जुर्माना और लाइसेंस निरस्त/निलंबन की संस्तुति।
👥 जांच में दर्ज बयान
जांच टीम ने निम्न लोगों के बयान दर्ज किए:
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शिकायतकर्ता बक्शीश सिंह
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आरोपी चिकित्सक डॉ. नेहा सिद्दीकी
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सीएमएस डॉ. कुलदीप यादव
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निश्चेतक डॉ. संजय कूट और डॉ. रीना यादव
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आस्था हॉस्पिटल के डॉ. राजेश कुमार सिंह
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प्रबंध निदेशक विजय कालरा
👉 रिपोर्ट ने साफ कहा कि नियम तोड़े गए और लापरवाही के चलते प्रसूता की जान गई।
✨ Highlights
✔️ सरकारी डॉक्टर पर नियम तोड़कर निजी अस्पताल में ऑपरेशन करने का आरोप।
✔️ ₹26,000 में डील, ऑपरेशन के बाद महिला की मौत।
✔️ आस्था हॉस्पिटल में न विशेषज्ञ डॉक्टर मिले, न रजिस्टर्ड स्टाफ।
✔️ सीएमओ ने अस्पताल का पंजीकरण निरस्त कर संचालन रोका।
✔️ ₹75,000 जुर्माना और सीलिंग की चेतावनी।





