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📍 हल्द्वानी | संवाददाता रिपोर्ट

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के दौर में अब साइबर अपराधी पहले से कहीं ज्यादा चालाक और खतरनाक हो गए हैं।
उत्तराखंड में साइबर ठगी के मामले हर साल बढ़ते ही जा रहे हैं,
और अब अपराधियों के तरीके भी तकनीकी रूप से दोगुने जटिल हो चुके हैं 💻⚠️।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अब केवल जागरूकता ही सबसे बड़ा बचाव का हथियार है।


Highlights (मुख्य बिंदु):

💻 पिछले 5 साल में साइबर अपराधों के तरीके दोगुने हुए
🤖 AI और Deepfake तकनीक से नए ठगी के पैटर्न सामने आए
📱 फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सऐप बने ठगी के बड़े हथियार
🎭 वॉयस और वीडियो डीपफेक से भरोसा जीतकर ठगी
🔒 पुलिस ने कहा — “जागरूक रहें, यही सुरक्षा है
🧠 विशेषज्ञ बोले — “मजबूत पासवर्ड और दो-स्तरीय सुरक्षा रखें


🕵️‍♂️ एआई ने बढ़ाई साइबर अपराधियों की ताकत 🤖

सीओ साइबर सुमित पांडे के मुताबिक,

“2020 तक ज्यादातर साइबर अपराध ऑनलाइन बैंकिंग फ्रॉड, फिशिंग ईमेल या मैलवेयर अटैक तक सीमित थे,
लेकिन अब अपराधियों के पास एआई आधारित हथियार हैं।”

🔹 पहले लोग फर्जी वेबसाइट, झूठे मैसेज या संक्रमित ईमेल के जरिए फंसाए जाते थे।
🔹 अब डीपफेक वॉयस और वीडियो क्लिप के जरिये विश्वास जीतकर फर्जी लेनदेन करा लिए जाते हैं।

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📱 ओटीपी या एक क्लिक मात्र से खाते खाली हो रहे हैं।
साइबर अपराधी अब उपयोगकर्ताओं की बातचीत की नकल कर नकली रिक्वेस्ट भेजते हैं,
जिससे लोग अपने ही परिचितों के नाम पर फंस जाते हैं।


📲 सोशल मीडिया बना ठगी का सबसे बड़ा हथियार 😠

फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सऐप जैसे प्लेटफॉर्म अब
साइबर ठगों के लिए ‘सोने की खान’ बन गए हैं।

🔸 नकली प्रोफाइल,
🔸 फर्जी प्रमोशनल ऑफर,
🔸 ऑनलाइन शॉपिंग के डिस्काउंट विज्ञापन,
🔸 और ‘लोन मंजूरी’ जैसे झूठे पोस्ट —
इन सबके ज़रिए लोग जाल में फंसाए जा रहे हैं।

आईटी विशेषज्ञ नितिन लोहनी के अनुसार —

“अब ठगी केवल शहरों तक सीमित नहीं रही,
गांवों में भी मोबाइल इंटरनेट के ज़रिए साइबर हमले आम बात बन चुके हैं।”


🧠 कैसे बचें साइबर ठगी से? विशेषज्ञों के सुझाव 🔒

👨‍💻 आईटी विशेषज्ञों और साइबर पुलिस ने कुछ अहम सुझाव दिए हैं:

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✅ पासवर्ड को मजबूत और यूनिक रखें 🔑
✅ किसी भी संदिग्ध लिंक या विज्ञापन पर क्लिक न करें ⚠️
✅ मोबाइल ऐप्स सिर्फ आधिकारिक स्रोत (Play Store / App Store) से डाउनलोड करें 📲
दो-कारक प्रमाणीकरण (Two-Factor Authentication) चालू करें 🔐
✅ बैंक या KYC से जुड़ी जानकारी किसी को न दें 🏦
✅ संदिग्ध ईमेल या कॉल को तुरंत रिपोर्ट करें 📞


🧩 नया साइबर खतरा: Deepfake & Crypto-Jacking 💰

अब अपराधी केवल फिशिंग ईमेल तक सीमित नहीं हैं।
वे AI टूल्स से बनाए गए डीपफेक वीडियो और वॉयस रिकॉर्डिंग का इस्तेमाल कर रहे हैं।

🎭 किसी अधिकारी, बैंक मैनेजर या रिश्तेदार की आवाज़ में कॉल कर
लोगों से पैसे ट्रांसफर या ओटीपी शेयर करवा लेते हैं।

💣 इसके अलावा, “क्रिप्टो-जैकिंग” जैसी तकनीक से
लोगों के लैपटॉप और मोबाइल में छिपकर
क्रिप्टो माइनिंग की जा रही है —
जिससे डिवाइस की बैटरी और डेटा दोनों खर्च होते हैं ⚡।

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🧭 संपादकीय दृष्टिकोण (Editorial View):

उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्य में भी अब साइबर अपराध की जड़ें गहराई तक पहुंच चुकी हैं।
AI और डिजिटल एडवांसमेंट जहां सुविधा बढ़ा रहे हैं, वहीं साइबर खतरे का नया अध्याय भी खोल रहे हैं।
अब वक्त आ गया है कि स्कूलों, कॉलेजों और पंचायत स्तर तक साइबर जागरूकता अभियान चलाए जाएं।
क्योंकि इस डिजिटल युग में —
जागरूकता ही असली सुरक्षा है।” 🛡️


🧾 Quick Recap (एक नजर में):

🔢 मुद्दा जानकारी
🧮 बीते 5 साल में साइबर अपराध दोगुने हुए
🤖 नया ट्रेंड AI आधारित Deepfake, Crypto-Jacking
💬 प्रमुख अधिकारी CO साइबर सुमित पांडे
🧠 विशेषज्ञ आईटी प्रोफेशनल नितिन लोहनी
📲 सबसे बड़ा माध्यम सोशल मीडिया और ऑनलाइन शॉपिंग
⚙️ उपाय मजबूत पासवर्ड, 2FA, संदिग्ध लिंक से बचें
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By Editor