📍 रिपोर्ट — ऊर्जा सेक्टर में 25 साल बाद उत्तराखंड की बड़ी छलांग 🚀
🔆 कभी ‘ऊर्जा प्रदेश’ कहलाने वाला उत्तराखंड, अब रफ्तार पकड़ने को तैयार ⚙️
अलग राज्य बनने के बाद उत्तराखंड को जल विद्युत उत्पादन की 25 हजार मेगावाट क्षमता के चलते ऊर्जा प्रदेश का दर्जा दिया गया था।
लेकिन इन 25 वर्षों में राज्य केवल 4264 मेगावाट तक ही उत्पादन कर पाया।
अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार ने इस ठहराव को तोड़ते हुए ऊर्जा क्षेत्र में ऐतिहासिक विस्तार योजना की शुरुआत कर दी है।
सरकार का लक्ष्य —
👉 2030 तक 13,529 मेगावाट उत्पादन
👉 पारंपरिक हाइड्रो से आगे बढ़कर थर्मल, सोलर, जियोथर्मल और हाइड्रोजन एनर्जी का इस्तेमाल
👉 ऊर्जा आयातक राज्य से “ऊर्जा निर्यातक राज्य” बनने की दिशा में ठोस कदम
💡 राज्य गठन के समय बिजली में आत्मनिर्भर था उत्तराखंड, अब बाजार पर निर्भरता
📊 तथ्य एक नज़र में:
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2000 में: बिजली जरूरत — 3030 मिलियन यूनिट (MU)
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उत्पादन — 3350 MU ➜ यानी राज्य पावर सरप्लस था।
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अब: बिजली की वार्षिक मांग — 17192 MU
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उत्पादन — सिर्फ 5175 MU, यानी 12017 MU का घाटा ⚠️
इस अंतर को पूरा करने के लिए सरकार को बाजार से 8000 करोड़ रुपये तक की बिजली खरीदनी पड़ रही है।
🔋 तिवारी का सपना, धामी सरकार कर रही साकार 🌄
पूर्व मुख्यमंत्री एन.डी. तिवारी के कार्यकाल में “ऊर्जा प्रदेश” का सपना देखा गया था।
आज धामी सरकार उस दिशा में जमीन पर ठोस प्लानिंग के साथ आगे बढ़ रही है —
🔹 थर्मल पावर (1360 मेगावाट)
🔹 हाइड्रोजन और जियोथर्मल एनर्जी प्रोजेक्ट्स
🔹 पंप स्टोरेज व बैटरी एनर्जी सिस्टम
🔹 सोलर एनर्जी का व्यापक उपयोग
सरकार का दावा है कि अगले कुछ वर्षों में राज्य का बिजली उत्पादन 13,529 मेगावाट तक पहुंच जाएगा।
☀️ सौर ऊर्जा बना गेम चेंजर — 2030 तक 2500 मेगावाट का लक्ष्य
उत्तराखंड में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति दर्ज की गई है —
🔸 अभी सौर उत्पादन — 861 मेगावाट
🔸 लक्ष्य — 2030 तक 2500 मेगावाट
🔸 सीएम सौर स्वरोजगार योजना से 91 मेगावाट उत्पादन
🔸 495 सोलर प्लांट पहले ही स्थापित
🔸 सरकारी भवनों, उद्योगों और निजी क्षेत्रों में तेजी से विस्तार
🗣️ थौलधार (टिहरी) के राजेंद्र सिंह ने बताया —
“सीएम सौर स्वरोजगार योजना से अब गांव में ही रोजगार है। बिजली भी बन रही है, आमदनी भी बढ़ी है। सरकार अगर और निवेश आसान बनाए, तो यह योजना गेम चेंजर साबित होगी।” 🌞
⚙️ सुधरा बिजली सिस्टम — लाइन लॉस घटा, सप्लाई बढ़ी
📉 लाइन लॉस:
2000 में — 26.65% ➜ अब सिर्फ 13.69%
💰 राजस्व वसूली:
75% ➜ अब 99%
💡 सप्लाई समय:
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शहरी क्षेत्र — 23 घंटे 43 मिनट
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ग्रामीण क्षेत्र — 23 घंटे 29 मिनट
🚧 नई पहलें:
✅ 16.49 लाख स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं
✅ बिजली लाइनों को अंडरग्राउंड किया जा रहा है
✅ बॉर्डर गांवों और ITBP चौकियों तक बिजली पहुंचाई जा चुकी है
⚡ राज्य के पावर प्रोजेक्ट्स का विस्तार (Target 13,529 MW)
| स्रोत | क्षमता (MW) | विवरण |
|---|---|---|
| UJVNL | 5461 | राज्य की मुख्य परियोजनाएं |
| NTPC/NHPC | 5818 | केंद्र सरकार उपक्रम |
| निजी क्षेत्र | 2250 | निवेशित उत्पादन इकाइयां |
| कुल | 13,529 | लक्ष्य 2030 तक |
🏔️ बिजली से रोशन होगा हर गांव
राज्य गठन के समय 1600 गांव बिजलीविहीन थे।
अब शत-प्रतिशत गांव सीधे पावर ग्रिड से जुड़े हैं।
चीन सीमा से सटे गांवों और सेना व ITBP चौकियों तक बिजली पहुंच चुकी है।


