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❄️🌨️❄️🌨️ला-नीना असर से मार्च तक कड़कड़ाएगी ठंड, पर्यटकों की बल्ले-बल्ले🌨️❄️🌨️


🧊 हाइलाइट्स:

  • 🌨️ इस बार उत्तराखंड के पहाड़ों में खूब बर्फबारी का अनुमान

  • ❄️ ला-नीना असर से दिसंबर से मार्च तक रहेगी कड़ाके की ठंड

  • 🏔️ पर्यटन कारोबार को मिलेगा बड़ा फायदा

  • 🌫️ मैदानी इलाकों में भी घना कोहरा लंबे समय तक रहेगा

  • 🌦️ ला-नीना से गर्मी और बारिश के चक्र पर भी असर पड़ सकता है


🏔️ उत्तराखंड में इस बार बर्फबारी के नए रिकॉर्ड बन सकते हैं!

उत्तराखंड के पहाड़ों में इस साल बर्फबारी के शानदार नज़ारे देखने को मिलेंगे। 🌨️
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि इस बार “ला-नीना इफेक्ट” (La-Niña Effect) के कारण प्रदेश में ठंड अधिक पड़ेगी और बर्फबारी भी सामान्य से कहीं ज्यादा होगी।

पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डॉ. ए.एस. नैन के अनुसार —

“दिसंबर से ला-नीना का असर दिखाई देने लगेगा। इस वजह से सर्दियों का दौर लंबा और तीव्र रहेगा। उत्तराखंड में इस बार दिसंबर से लेकर मार्च तक तापमान सामान्य से कम रहेगा और पहाड़ी इलाकों में भारी बर्फबारी की संभावना है।”


🌬️ ठंड का असर मार्च-अप्रैल तक रहेगा

वैज्ञानिकों ने बताया कि दिन और रात के तापमान में पहले से ही गिरावट शुरू हो चुकी है।
अक्टूबर के अंत तक लोगों को ठंडक महसूस होने लगेगी, जबकि मार्च के अंत तक मौसम में ठिठुरन बनी रहेगी।

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📅 अप्रैल की शुरुआत में तापमान धीरे-धीरे बढ़ेगा, जिससे लोगों को गर्मी से पहले हल्की राहत मिलेगी।


🌊 क्या है “ला-नीना” प्रभाव? 🤔

प्रशांत महासागर (Pacific Ocean) में जब समुद्र की सतह का तापमान सामान्य से 0.5°C या उससे अधिक ठंडा हो जाता है, तो उसे ला-नीना कहा जाता है।
इसके प्रभाव से भारत में अच्छी बारिश, अधिक ठंड, और कभी-कभी असामान्य मौसमी बदलाव देखने को मिलते हैं।


☁️ ला-नीना का असर सालभर रहेगा!

डॉ. नैन ने बताया कि अगर ला-नीना का असर ज्यादा समय तक बना रहा, तो यह केवल सर्दियों पर ही नहीं बल्कि —
🔥 मई-जून की गर्मी
जुलाई-सितंबर की बरसात
दोनों मौसम चक्रों को प्रभावित कर सकता है।

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🌫️ मैदानों में रहेगा कोहरा, पहाड़ों में बर्फीली हवाएं

मौसम विभाग के अनुसार, इस बार उत्तराखंड के मैदानी इलाकों में कोहरा (Fog) सामान्य से ज्यादा दिनों तक रहेगा।
वहीं, पहाड़ी जिलों — नैनीताल, टिहरी, उत्तरकाशी, और पिथौरागढ़ में बर्फबारी के शानदार नज़ारे देखने को मिलेंगे।

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🌼 बसंत भी होगा ठंडा!

मार्च-अप्रैल के महीनों को सामान्यतः बसंत ऋतु (Spring Season) कहा जाता है, लेकिन इस बार ला-नीना के असर से बसंत में भी ठंड और नमी बनी रह सकती है। 🌸❄️


💬 पर्यटन उद्योग को उम्मीद की गर्मी

भले ही तापमान गिरने वाला है, लेकिन ठंड और बर्फबारी की वजह से पर्यटन कारोबार को नया जीवन मिलेगा।
नैनीताल, औली, चोपता, मुनस्यारी और धनौल्टी जैसे क्षेत्रों में इस बार रिकॉर्ड बुकिंग की संभावना जताई जा रही है।


🌍 निष्कर्ष:

इस बार की सर्दियां उत्तराखंड के लिए सिर्फ ठंडक नहीं, बल्कि पर्यटन और प्राकृतिक सौंदर्य का स्वर्णिम मौसम लेकर आने वाली हैं। 🌨️
तो तैयार रहिए —
“देवभूमि की बर्फीली वादियों में इस बार ठंड भी होगी, और रोमांच भी।” ❄️🏔️✨

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By Editor