उत्तराखंड बोर्ड के 12वीं कक्षा के नतीजों की घोषणा के बाद जहां एक ओर छात्र-छात्राएं अपनी सफलता का जश्न मना रहे हैं, वहीं दूसरी ओर एक दुखद खबर ने माहौल को गमगीन कर दिया। देहरादून के डोईवाला क्षेत्र की एक छात्रा ने परीक्षा में फेल होने के बाद जहर खाकर आत्महत्या कर ली।
🏠 कुड़कावाला निवासी थी छात्रा
मिली जानकारी के अनुसार, मृतक छात्रा कुड़कावाला, डोईवाला की रहने वाली थी। उत्तराखंड बोर्ड का परिणाम जारी होने के बाद जब छात्रा को पता चला कि वह परीक्षा में पास नहीं हो सकी है, तो उसने अज्ञात जहरीला पदार्थ खा लिया।
परिजनों ने बताया कि रिजल्ट देखने के बाद वह बहुत निराश थी और खुद को कमरे में बंद कर लिया था। थोड़ी ही देर बाद उसकी तबीयत बिगड़ने लगी तो परिजन उसे तुरंत अस्पताल ले गए, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
🚔 पुलिस कर रही जांच
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और परिजनों से पूछताछ की। पुलिस का कहना है कि प्रारंभिक जांच में आत्महत्या का कारण परीक्षा में असफलता प्रतीत हो रहा है, हालांकि मामले की गहराई से जांच की जा रही है।
छात्रा की मौत से परिवार और मोहल्ले में शोक का माहौल है। परिजनों ने बताया कि वह पढ़ाई में मेहनती थी, लेकिन रिजल्ट से काफी निराश हो गई थी।
📢 असफलता जीवन का अंत नहीं
“परीक्षा का परिणाम जीवन का एक हिस्सा है, जीवन का उद्देश्य नहीं।”
यह घटना एक गंभीर सामाजिक चेतावनी है कि हम अपने बच्चों को असफलता झेलने का साहस और सहनशीलता सिखाएं। परीक्षा में फेल होने पर निराशा स्वाभाविक है, लेकिन उसका समाधान आत्महत्या नहीं हो सकता।
📚 विकल्प हैं – पुनर्परीक्षा और सुधार का अवसर
छात्रों और अभिभावकों को यह जानना जरूरी है कि:
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✅ पुनर्परीक्षा या पूरक परीक्षा का विकल्प उपलब्ध होता है
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✅ कुछ बोर्ड ऑनलाइन सुधार परीक्षाएं भी कराते हैं
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✅ छात्र ओपन स्कूलिंग या वैकल्पिक शिक्षा पद्धति से पढ़ाई जारी रख सकते हैं
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✅ असफलता के बाद भी करियर में वापसी की कई राहें होती हैं
🙏 अभिभावकों और शिक्षकों से अपील
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अपने बच्चों को भावनात्मक संबल दें
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सकारात्मक संवाद बनाए रखें
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उनकी अपेक्षाओं और दबाव को समझें और संभालें
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मनोवैज्ञानिक सहायता लेने में हिचकिचाएं नहीं
🕯️ हम दिवंगत छात्रा की आत्मा की शांति की प्रार्थना करते हैं और उनके परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं।


