नैनीताल (उत्तराखंड):
उत्तराखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संगठन के बैनर तले जिले के शिक्षकों ने मार्च माह का वेतन अब तक न मिलने पर गहरा रोष व्यक्त किया है। शिक्षकों ने कहा कि यह स्थिति बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है क्योंकि शासन द्वारा चार दिन पूर्व ग्लोबल बजट जारी किया जा चुका है, फिर भी वेतन 18 अप्रैल तक उनके खातों में नहीं पहुंचा है।
📣 शिक्षकों की मुख्य मांगें
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मार्च माह का वेतन तुरंत जारी किया जाए।
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अप्रैल का वेतन समय पर भुगतान किया जाए।
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वेतन में हो रही देरी के कारण आर्थिक संकट से बचाया जाए।
💬 वेतन न मिलने से शिक्षकों में असंतोष
जनपद के कई विकासखंडों में शिक्षकों को वेतन न मिलने से नाराजगी और असंतोष व्याप्त है। शिक्षकों का कहना है कि बजट मिलने के बावजूद जिला स्तर पर देरी से उनकी आर्थिक परेशानियां बढ़ रही हैं।
पूर्व जिला मंत्री डिकर सिंह पडियार ने कहा:
“अगर शीघ्र वेतन जारी नहीं किया गया, तो संगठन आंदोलन को बाध्य होगा। संबंधित खंड शिक्षा अधिकारी के खिलाफ मोर्चा खोला जाएगा, और इसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।”
📌 वेतन देरी का व्यापक असर
अप्रैल माह में स्कूलों में:
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बच्चों के प्रवेश (एडमिशन)
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किताबों की व्यवस्था,
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फीस संग्रह,
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एवं व्यक्तिगत ज़िम्मेदारियाँ जैसे EMI, घरेलू खर्च आदि चलते हैं, जिनके लिए समय पर वेतन मिलना अत्यंत आवश्यक है।
🚨 शिक्षकों की चेतावनी – हो सकता है आंदोलन
संगठन ने स्पष्ट रूप से चेतावनी दी है कि यदि जल्द वेतन नहीं मिला तो यह मामला आंदोलन का रूप ले सकता है। इससे जिले में शैक्षिक कार्य बाधित होने की आशंका भी जताई जा रही है।
📢 “बजट जारी होने के बावजूद वेतन रोका जाना एक प्रशासनिक असफलता है। शिक्षक केवल अधिकार नहीं, कर्तव्य भी निभा रहे हैं — उनका सम्मान होना चाहिए।”


