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📍 हल्द्वानी (उत्तराखंड) | संवाददाता रिपोर्ट

उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों में मध्यान्ह भोजन (Mid-Day Meal) योजना के तहत मिलने वाला अतिरिक्त पोषण अब प्रभावित हो गया है।
कारण है — अंडे की आसमान छूती कीमतें!
योजना के तहत जहां प्रति छात्र ₹5 का बजट तय है, वहीं मौजूदा समय में अंडे का बाजार मूल्य ₹7 से ₹8 तक पहुंच गया है।
ऐसे में स्कूलों ने हफ्ते में एक दिन मिलने वाले अंडे को मेन्यू से हटा दिया है।


Highlights (मुख्य बिंदु):

🥚 अंडे की कीमत ₹8 तक पहुंचने से मिड-डे-मील योजना प्रभावित
📚 16,000 से अधिक स्कूलों में 6 लाख छात्र-छात्राएं प्रभावित
💸 प्रति छात्र अंडे का बजट सिर्फ ₹5 तय, जबकि कीमत ₹8 तक
🍎 अब अंडे की जगह छात्रों को फल और लड्डू दिए जा रहे
📜 शिक्षक संघ ने बजट बढ़ाने की मांग की
🏢 शिक्षा विभाग ने शासन को भेजा प्रस्ताव, विकल्पों पर विचार

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🍽️ मिड-डे-मील से गायब हुआ अंडा, स्कूलों ने अपनाया नया मेन्यू 🏫

उत्तराखंड के स्कूलों में चल रही मध्यान्ह भोजन योजना (MDM) का उद्देश्य
छात्रों को पौष्टिक भोजन देना है, जिससे उनका शारीरिक और मानसिक विकास हो सके।
इस योजना में सप्ताह में एक दिन अंडा देने का प्रावधान किया गया है।

लेकिन बीते कुछ हफ्तों में अंडे की कीमतों में ₹2–₹3 की बढ़ोतरी ने
स्कूल प्रबंधन के लिए बजट संतुलन बिगाड़ दिया है।

प्रमोद डालाकोटी, हल्द्वानी के शिक्षा अधिकारी ने बताया —
“योजना में प्रति छात्र ₹5 की सीमा तय है,
जबकि अंडा अब ₹7–₹8 तक पहुंच गया है।
ऐसे में स्कूल अंडे देने में असमर्थ हैं।”

अब स्कूल प्रशासन ने अंडे की जगह फल और रामदाने के लड्डू देने शुरू कर दिए हैं।

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🏫 राज्यभर के 16,000 स्कूलों में असर — 6 लाख छात्र प्रभावित 👧🧒

शिक्षा विभाग के आंकड़ों के अनुसार,
वर्तमान में उत्तराखंड के 16,000 से अधिक स्कूलों में
करीब 6 लाख से अधिक छात्र-छात्राएं मध्यान्ह भोजन का लाभ ले रहे हैं।

विभागीय अधिकारियों के मुताबिक,
“राज्य सरकार प्रत्येक छात्र को सप्ताह में एक दिन अतिरिक्त पोषण के रूप में
₹5 देती है, लेकिन बाजार भाव बढ़ने से यह रकम पर्याप्त नहीं है।”


📢 शिक्षक संघ और अधिकारी बोले — बजट बढ़ाना जरूरी 💬

डीएस पडियार, शिक्षक नेता, प्राथमिक शिक्षक संघ हल्द्वानी ने कहा —

“अंडे के दाम बढ़ने से बच्चों का पौष्टिक आहार प्रभावित हो रहा है।
सरकार को चाहिए कि अतिरिक्त पोषण बजट बढ़ाकर कम से कम ₹8 प्रति छात्र किया जाए।”

वहीं, कुलदीप गैरोला, अपर राज्य परियोजना निदेशक (समग्र शिक्षा) ने कहा —

“अंडे के दामों में वृद्धि से कठिनाइयां आई हैं।
स्कूलों को अंडे के बदले फल और अन्य पौष्टिक विकल्प देने की सलाह दी गई है।
शासन स्तर पर बजट बढ़ाने के लिए पत्राचार किया जाएगा।”


🧭 संपादकीय दृष्टिकोण (Editorial View):

बच्चों के पोषण पर बजट की कमी का सीधा असर
राज्य की जन स्वास्थ्य और शिक्षा गुणवत्ता पर पड़ सकता है।
अंडा एक सस्ता और सम्पूर्ण प्रोटीन स्रोत है,
जिसे हटाना दीर्घकालिक पोषण असंतुलन की ओर संकेत करता है।

💬 “बच्चे देश का भविष्य हैं — बजट नहीं, पोषण बढ़ाएं।”


By Editor