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टॉप हाइलाइट्स | Breaking Highlights

  • 🕵️‍♂️ महंत मोहनदास की गुमशुदगी की जांच अब सीबीआई करेगी

  • ⚖️ हाईकोर्ट ने जताई गहरी चिंता, कहा — राज्य एजेंसियां नतीजे पर नहीं पहुंचीं

  • 🧾 सभी जांच रिकॉर्ड राज्य सरकार को CBI को सौंपने का आदेश

  • 🙏 महंत सुखदेव मुनि की याचिका पर पारित हुआ आदेश

  • 🧩 फर्जी संतों की सूची बनाने के बाद मिली थीं धमकियां!


⚖️ “उत्तराखंड हाईकोर्ट का बड़ा फैसला — महंत मोहनदास की गुमशुदगी की जांच अब CBI करेगी”

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हरिद्वार के प्रसिद्ध संत महंत मोहनदास की रहस्यमयी गुमशुदगी की जांच CBI को सौंप दी है।
जस्टिस पंकज पुरोहित की एकल पीठ ने यह आदेश महंत सुखदेव मुनि की याचिका पर सुनवाई के बाद दिया।

अदालत ने कहा कि राज्य जांच एजेंसियां 8 वर्षों से कोई ठोस निष्कर्ष नहीं निकाल पाईं, जो गहरी चिंता का विषय है।
साथ ही राज्य सरकार को निर्देश दिया गया कि वह सभी जांच रिकॉर्ड सीबीआई को सौंपे


📅 “2017 से लापता हैं महंत मोहनदास — ट्रेन से गायब हुए थे रहस्यमय तरीके से 🚉”

मामला 16 सितंबर 2017 का है।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता और पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन, कनखल के महंत मोहनदास मुंबई जाने के लिए हरिद्वार से एक एक्सप्रेस ट्रेन में सवार हुए थे।

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लेकिन जब ट्रेन भोपाल स्टेशन पहुंची, तो उनका एक शिष्य खाना लेकर सीट पर पहुंचा, जहां महंत गायब थे।
काफी खोजबीन के बाद भी उनका कोई पता नहीं चल पाया।


🚨 “कई जांचों के बाद भी सन्नाटा — पुलिस रिपोर्टों में कोई ठोस नतीजा नहीं निकला”

इस घटना के बाद कनखल थाने में एफआईआर दर्ज की गई।
जांच अधिकारी ने पहले न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष अंतिम रिपोर्ट दाखिल की, लेकिन अदालत ने उसे खारिज कर दोबारा जांच के आदेश दिए।

इसके बाद भी आईओ ने कोई प्रगति रिपोर्ट दाखिल नहीं की, और मामला वर्षों तक ठंडे बस्ते में पड़ा रहा।
लगातार 7 साल की निष्क्रियता के बाद, महंत सुखदेव मुनि ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर CBI जांच की मांग की।

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🧑‍⚖️ “हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी — ‘एक नागरिक 8 साल से लापता, सरकार असफल!’”

हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा —

“एक नागरिक आठ वर्षों से लापता है, लेकिन राज्य की जांच एजेंसियां अब तक उसका पता नहीं लगा सकीं। यह स्थिति अत्यंत गंभीर और अस्वीकार्य है।”

अदालत ने यह भी कहा कि राज्य सरकार ने जांच को बार-बार एक अधिकारी से दूसरे को सौंपा, लेकिन किसी ने भी मामले की तह तक पहुंचने का प्रयास नहीं किया।


🕵️‍♂️ “CBI को सौंपी गई जांच — राज्य सरकार को रिकॉर्ड सौंपने का आदेश”

अदालत ने स्पष्ट निर्देश दिया कि
राज्य सरकार सभी केस रिकॉर्ड, रिपोर्ट और दस्तावेज तुरंत CBI को सौंपे।
अब CBI यह जांच करेगी कि महंत मोहनदास की गुमशुदगी के पीछे क्या साजिश या कारण थे।


“फर्जी संतों की सूची और धमकियों से जुड़ा है रहस्य!”

महंत मोहनदास ने गुमशुदगी से पहले फर्जी संतों की एक सूची तैयार कर उसे सार्वजनिक किया था।
इसके बाद उन्हें लगातार धमकियां मिलने की बात सामने आई थी।
अखाड़ा परिषद ने तब आशंका जताई थी कि

“फर्जी संतों की पोल खोलने की वजह से महंत मोहनदास का अपहरण किया गया।”


📍 “8 साल बाद भी अनसुलझा रहस्य — क्या अब सुलझेगा मामला?”

सीबीआई जांच के आदेश के बाद अब यह उम्मीद बढ़ गई है कि
महंत मोहनदास की गुमशुदगी की गुत्थी आखिरकार सुलझ सकती है।
हालांकि, 8 वर्षों की देरी ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं —

  • आखिर मोहनदास कहां गायब हुए?

  • क्या यह अपहरण था या कोई साजिश?

  • और क्या फर्जी संतों की सूची ही इसका कारण बनी?

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🏁 “अंत में — हाईकोर्ट के आदेश से खुलेगी नई जांच की राह”

उत्तराखंड हाईकोर्ट के इस फैसले ने
राज्य की जांच प्रणाली की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
अब पूरा मामला CBI के हवाले है,
और हरिद्वार सहित संत समाज की निगाहें इस जांच के परिणाम पर टिकी हैं।


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By Editor