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ओडिशा में हुए रेल हादसे को लेकर रात भर से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. अब तक 233 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है. शनिवार सुबह सामने आया कि ट्रेन के डिब्बों के मलबे में अभी भी कई शव फंसे हुए हैं. बचाव अभियान में सेना भी शामिल हो गई है. मृतकों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है.

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ओडिशा के बालासोर में बहनागा बाजार स्टेशन के पास हुआ हादसा दिल दहला देने वाला है. शुक्रवार शाम को हादसे की खबर टुकड़ों-टुकड़ों में सामने आई. पहले कोरोमंडल एक्सप्रेस और मालगाड़ी की टक्कर की खबर थी. इसके बाद इसमें हावड़ा एक्सप्रेस से टक्कर की बात भी सामने आई और देर शाम तक यह स्थिति साफ हुई कि तीन ट्रेनों में टक्कर हई है. हादसे की जो तस्वीरें सामने आई हैं वह भयावह हैं और उन्हीं से यह अंदेशा हो गया था कि मृतकों का आंकड़ा सैकड़ा पार कर लेगा. हुआ भी यही, पहले 30, फिर 50, आगे 70 लोगों की मौत की संख्या आधी रात को 120 में बदली और देखते-देखते 207 से 233 तक पहुंच गई है. अभी तक के सामने आए आंकड़े के अनुसार 900 लोग घायल हैं. ओडिशा के मुख्य सचिन प्रदीप जेना ने इसकी जानकारी दी. पूरी रात रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रहा है. इस दौरान क्या-क्या सामने आया है

सेना भी राहत कार्य में हुई शामिल

शनिवार सुबह सामने आया कि ट्रेन के डिब्बों के मलबे में अभी भी कई शव फंसे हुए हैं. बचाव अभियान में मदद के लिए सेना ने भी हाथ बढ़ाया है. जिस हिस्से में कोरोमंडल एक्सप्रेस मालगाड़ी से टकराई थी, उस हिस्से से यात्रियों के शव बरामद किए जा रहे हैं.

सीएम नवीन पटनायक ने की एक दिन के राजकीय शोक की घोषणा

शुक्रवार को हुए रेल हादसे को लेकर सीएम नवीन पटनायक ने बड़ा ऐलान किया है. घोषणा के मुताबिक 3 जून को राज्य में एक दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है.इसलिए पूरे राज्य में 3 जून को कोई उत्सव नहीं मनाया जाएगा. ओडिशा के सूचना और जनसंपर्क विभाग ने इसकी जानकारी दी है.

कुछ इस तरह रही हादसे की स्थिति

हादसे को लेकर दी गई प्रेस रिलीज में सामने आया कि. ट्रेन संख्या है 12841 (कोरोमंडल एक्सप्रेस) के कोच बी2 से बी9 तक के कोच पलट गए थे. वहीं ए1-ए2 कोच भी ट्रैक पर औंधे जा पड़े. वहीं, कोच B1 के साथ-साथ इंजन पटरी से उतर गया और अंतत: कोच एच1 और जीएस कोच ट्रैक पर रह गए. यानि कोरोमंडल एक्सप्रेस में मरने वालों की संख्या अधिकतम हो सकती है और एसी बोगी में सवार लोगों की जानहानि अधिक होने की आशंका है.

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इस अफसर को मिली हादसे की जांच

वहीं, ट्रेन सं. 12864 (बेंगलुरू हावड़ा मेल) का एक जीएस कोच क्षतिग्रस्त हो गया था. इसके साथ ही पीछे की ओर का जीएस कोच और दो बोगियां पटरी से उतर कर पलट गईं. वहीं कोच ए1 से इंजन तक की बोगी ट्रैक पर रहीं. इस ट्रेन हादसे की जांच ए.एम. चौधरी (सीआरएस/एसई सर्किल) करेंगे. उन्हें शनिवार भोर में ही यह जिम्मेदारी सौंपी गई है.

3 बजे तक सैकड़े से पार जा चुका था मृतकों का आंकड़ा

तड़के 3.00 बजे बचाव कार्य जब चल रहा था, तबतक एनडीआरएफ के कर्मी कई शवों को निकाल चुके थे. मलबे से शवों को निकालने के लिए टीम गैस कटर का इस्तेमाल कर रही है. वहीं, मंत्री मानश भुइंया के नेतृत्व में बंगाल सरकार की एक टीम मौके पर पहुंची. उधर, कटक के डीसीपी पिनाक मिश्रा ने कहा कि, कटक में एक मेडिकल कॉलेज और अस्पताल है, इसलिए अधिक घायलों को यहां स्थानांतरित किए जाने की संभावना को लेकर अस्पताल अलर्ट है और कटक की पूरी टीम तैयार है. उन्होंने कहा कि ‘हमने सुरक्षा व्यवस्था की है ताकि यहां आने वाले घायलों को बिना किसी परेशानी के प्रवेश मिल सके.’ उधर, रेल दुर्घटना में घायल हुए लोगों को रक्तदान करने के लिए जिला मुख्यालय अस्पताल, भद्रक में कई रक्तदाता इकट्ठे हो गए.

हादसे को लेकर देर रात पश्चिम बंगाल के बीजेपी चीफ सुकांता मजूमदार ने कहा कि ‘हम घटनास्थल का दौरा करेंगे. हम पीड़ितों के साथ उनके सहयोग के लिए खड़े हैं और जो हर संभव सहायता प्रदान करेंगे.’

रेल मंत्री से इस्तीफे की मांग

पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने शुक्रवार को पड़ोसी राज्य ओडिशा में हुए भीषण तिहरे रेल हादसे को लेकर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के इस्तीफे की मांग की है. उधर सीपीआई सांसद ने सरकार पर सिर्फ लग्जरी ट्रेनों पर ध्यान देने का आरोप लगाया है. सांसद बिनोय विश्वम ने कहा है कि, ‘सरकार का फोकस सिर्फ लग्जरी ट्रेनों पर है. आम लोगों की रेलगाड़ियों और पटरियों की उपेक्षा की जाती है. ओडिशा में मौतें उसी का परिणाम हैं.उन्होंने कहा कि रेल मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए.

हादसे के कारणों के जांच के आदेश

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णन ने कहा कि, ‘मैंने यह पता लगाने के लिए एक उच्च-स्तरीय जांच करने का आदेश दिया है कि यह दुर्घटना क्यों हुई. इसके मूल कारण तक पहुंचना महत्वपूर्ण है. उधर, अस्पतालों में भर्ती दुर्घटना के पीड़ितों के लिए दवाओं और व अन्य जरूरी सामग्रियों की आपूर्ति के संबंध में, सचिव शालिनी पंडित ने बताया, “सभी आवश्यक प्राथमिक उपचार सामग्री, दवाएं और IV तरल पदार्थ पर्याप्त स्टॉक में हैं”. इसके अलावा मयूरभंज जिले के गोदाम से कुछ अतिरिक्त स्टॉक बालेसोर के लिए तुरंत स्थानांतरित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि हम हर स्थिति के लिए सतर्क हैं.

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