हल्द्वानी।
नैनीताल दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लिमिटेड, लालकुआं की 75वीं वार्षिक सामान्य निकाय बैठक एवं डायमंड जुबली समारोह शनिवार को हल्द्वानी के संकल्प बैंक्विट हॉल में भव्य आयोजन के साथ संपन्न हुआ। इस महत्वपूर्ण बैठक में वर्ष 2025-26 के लिए ₹277.84 करोड़ का बजट सर्वसम्मति से पारित किया गया।
जो संघ की आर्थिक मजबूती और विकास का परिचायक है।कार्यक्रम में दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री सुरेश भट्ट, हल्द्वानी के मेयर गजराज सिंह बिष्ट, प्रदेश महामंत्री तरुण बंसल, साथ ही संघ के अध्यक्ष मुकेश बोरा और सामान्य प्रबंधक अनुराग शर्मा सहित विभिन्न गणमान्य अतिथि मौजूद रहे।
बैठक में वर्ष 2022-23 का संतुलन पत्र, उत्पादन एवं व्यापार खाता, लाभ-हानि खाता और लेखा परीक्षा प्रमाणपत्र को भी अनुमोदित किया गया।
संघ के अध्यक्ष मुकेश बोरा ने अपने वक्तव्य में कहा कि संघ सतत प्रयासों के साथ दुग्ध क्षेत्र में नई ऊंचाइयां छू रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और दुग्ध विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा के मार्गदर्शन में लालकुआं में अत्याधुनिक दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र की स्थापना की जा रही है, जो जल्द ही उत्पादन शुरू करेगा और क्षेत्रीय दुग्ध उत्पादकों को नई ताकत देगा।
कार्यक्रम में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले उत्पादकों को भी सम्मानित किया गया। ‘गोकुल श्री पुरस्कार’ लालूपुर बॉसीटीला समिति के कृपाल सिंह को प्रदान किया गया, जिन्होंने 68,526 लीटर दूध की आपूर्ति कर ₹26 लाख से अधिक का योगदान दिया।
महिला वर्ग (मैदानी क्षेत्र) में गंगा देवी (पतलिया समिति) को प्रथम, हिमानी बिष्ट को द्वितीय और दीपा देवी को तृतीय स्थान पर रखा गया। पर्वतीय क्षेत्र में मीना देवी, पुष्पा देवी और तुलसी देवी को सम्मानित किया गया।पुरुष वर्ग में हरेन्द्र सिंह जीना, बराना बल्ल, और हरिकिशन बहुगुणा को क्रमशः प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान मिले।साथ ही, समितियों को भी उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए पुरस्कृत किया गया। पर्वतीय क्षेत्र से गहना दुग्ध समिति को प्रथम, बबियाड समिति को द्वितीय और पलड़ा समिति को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। मैदानी क्षेत्र में विन्दुखेड़ा, संजयनगर और खुर्पाताल समितियों को भी सम्मानित किया गया।
अंत में अध्यक्ष मुकेश बोरा ने सभी उपस्थित अतिथियों, सदस्यों और दुग्ध उत्पादकों का धन्यवाद दिया और प्रदेश में दुग्ध क्रांति को आगे बढ़ाने के लिए अपने संघ का समर्पण दोहराया। उन्होंने संघ को प्रदेश की ‘दुग्ध क्रांति का अग्रदूत’ बनाने का संकल्प भी लिया।
यह आयोजन क्षेत्रीय दुग्ध उद्योग के विकास में एक मील का पत्थर माना जा रहा है और इससे आगे की योजनाओं को गति मिलने की उम्मीद है।






