उत्तराखंड, हल्द्वानी
हल्द्वानी के रेलवे स्टेशन के अतिक्रमण क्षेत्र गफूर बस्ती और बनभूलपुरा में नैनीताल हाईकोर्ट के निर्देश के बाद अतिक्रमण हटाए जाने को लेकर प्रशासन पूरी तरह तैयार है शुरुआती कार्रवाई में पिलर बंदी सीमांकन और जॉइंट सर्वे के काम पूरे हुए हैं जिसमें स्थानीय प्रशासन पुलिस और रेलवे विभाग संयुक्त रूप से इन सब कार्रवाई को अंजाम दे रहा है इस बीच अतिक्रमण क्षेत्र में रह रहे लोग सुप्रीम कोर्ट की शरण में गए हैं जहां 5 जनवरी को इस मामले में सुनवाई लंबित है हालांकि दूसरी तरफ प्रशासन पूरी तरह से अतिक्रमण हटाए जाने को लेकर तैयारी पर है और 8 जनवरी तक हल्द्वानी में भारी फोर्स पहुंच जाएगी जिसके बाद यह कार्रवाई अंजाम में लाई जा सकती है।
दरअसल रेलवे के अतिक्रमण का मामला सन 2016 में शुरू हुआ जब संबंधित मामले में हाईकोर्ट ने अतिक्रमण खाली करने को कहा था लेकिन तत्कालीन समय पर रेलवे में बसे लोगों की दलील थी कि उनके तथ्यों को नहीं सुना गया जिसके पश्चात यह मामला हाईकोर्ट में चलता गया और दिसंबर के आखिरी सप्ताह में नैनीताल हाईकोर्ट ने 1 सप्ताह का नोटिस देकर रेलवे की भूमि से अतिक्रमणकारियों को हटाने के निर्देश दिए। जिसके बाद से ही रेलवे और स्थानीय प्रशासन के समन्वय बैठक शुरू हुई और अतिक्रमण हटाने को लेकर यह कार्रवाई शुरू की गयी। उधर दूसरी तरफ अतिक्रमण की जद में आए लोगों ने आंदोलन शुरू कर दिया और इस ठंड में हजारों बच्चों महिलाओं और बुजुर्गों को बेघर न करने की सरकार से मांग की। दरअसल इस अतिक्रमण की जद में 4365 घर तोड़े जाने हैं जिसमें हजारों की संख्या में लोग प्रभावित होंगे।
कुमाऊं रेंज के आईजी नीलेश आनंद भरणे के अनुसार अतिक्रमण हटाए जाने को लेकर 14 कंपनी पीएसी जिनमें पांच कंपनी रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) की मांग की है। इसके अलावा गढ़वाल रेंज से 1000 महिला पुरुष सिपाही की डिमांड की गई है। इसके अलावा बड़ी संख्या में होमगार्ड और कुमाऊं रेंज के पुलिस अधिकारी और कर्मचारी भी बुलाए गए हैं। साथ ही अतिक्रमण हटाए जाने को लेकर जेसीबी पोकलैंड वेरेगेटिंग का सामान सहित अन्य महत्वपूर्ण आवश्यक चीजों को भी प्रशासन से उपलब्ध कराने को कहा गया है। उधर अतिक्रमण क्षेत्र में रह रहे लोगों को उकसाने के लिए असामाजिक तत्व पर भी पुलिस पूरी तरह निगरानी रख रही है। लोकल इंटेलिजेंस यूनिट की एक्स्ट्रा यूनिट बुलाई गई है। साथ ही सोशल मीडिया में भी किसी प्रकार की भड़काऊ व हिंसात्मक पोस्ट पर निगरानी रखी जा रही है किसी भी कीमत पर बाहरी एलिमेंट तत्वों को यहां नहीं आने दिया जाएगा। इसके अलावा सत्यापन अभियान भी पुलिस के द्वारा चलाया जा रहा है।
उधर दूसरी तरफ नैनीताल हाई कोर्ट के निर्देश के बाद जहां स्थानीय जनप्रतिनिधि और क्षेत्रीय नेता लगातार सरकार से हजारों लोगों को इस ठंड में ना हटाए जाने की मांग कर रहे हैं तो वही पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद बनभूलपुरा के अतिक्रमण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अतिक्रमणकारियों की तरफ से पैरवी करेंगे। कुल मिलाकर हल्द्वानी में रेलवे के अतिक्रमण का मामला पूरे देश में छाया है टि्वटर में ट्रेंड होने के बाद सोशल मीडिया में भी जमकर एक्शन रिएक्शन का दौर चला है। फिलहाल एक ओर प्रशासन अतिक्रमण हटाने को तैयार है तो दूसरी तरफ 5 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है फिलहाल अधिक्रमित क्षेत्र में रह रहे लोगों का भविष्य आने वाले समय के गर्भ में छिपा है।