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सबसे अधिक अतिक्रमण हल्द्वानी, रामनगर, काशीपुर, रुद्रपुर, हरिद्वार, कोटद्वार और कालसी वन क्षेत्र में हैं। कुमाऊं के तराई क्षेत्र में ही करीब 70 प्रतिशत अवैध धर्मस्थल हैं। वनभूमि पर अतिक्रमण चिन्हित करने के बाद संबंधित को नोटिस भेजे जा रहे हैं। वहीं बुधवार सुबह सेलाकुई शीशमबाड़ा में मजार पर तहसील प्रशासन की जेसीबी चली।

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वन विभाग की ओर से अवैध धर्मस्थलों को हटाने के लिए प्रदेशभर में अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के नोडल अधिकारी मुख्य वन संरक्षक पराग मधुकर धकाते ने बताया कि सभी प्रभागीय वनाधिकारी व वन क्षेत्राधिकारियों को वनभूमि पर स्थित अवैध धर्मस्थल चिन्हित कर हटाने के निर्देश दिए गए हैं। इसके तहत तहत कार्रवाई की जा रही है। अब तक प्रदेश में 68 हेक्टेयर भूमि से कुल 285 अवैध धर्मस्थल हटाए गए हैं, इनमें 256 मजारें शामिल हैं।

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मुख्य वन संरक्षक ने बताया कि सबसे अधिक अतिक्रमण हल्द्वानी, रामनगर, काशीपुर, रुद्रपुर, हरिद्वार, कोटद्वार और कालसी वन क्षेत्र में हैं। कुमाऊं के तराई क्षेत्र में ही करीब 70 प्रतिशत अवैध धर्मस्थल हैं। वनभूमि पर अतिक्रमण चिन्हित करने के बाद संबंधित को नोटिस भेजे जा रहे हैं।

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इसके बाद उसे हटाने की कार्रवाई की जा रही है। अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके तहत छह माह की जेल का प्रावधान है। उन्होंने बताया अभियान के तहत दो अवैध गुरुद्वारा को भी नोटिस भेजा गया है। अतिक्रमण न हटाने पर कार्रवाई की जाएगी।

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