एम्स ऋषिकेश के स्कूल आफ पब्लिक हेल्थ और ट्रामा आइसीयू स्वास्थ्य सुविधाओं से जुड़ी दो योजनाओं का शनिवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. मनसुख मांडविया ने वर्चुअल माध्यम से लोकार्पण किया।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं को विकसित करने के लिए सतत रूप से प्रयासरत है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. मनसुख मांडविया शनिवार को राजस्थान के जोधपुर एम्स के दीक्षा समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने कार्यक्रम स्थल से ही वर्चुअल माध्यम से रिमोट का बटन दबाकर देश के विभिन्न सात एम्स संस्थानों में स्वास्थ्य योजनाओं और स्वास्थ्य सुविधाओं का शिलान्यास, उद्घाटन और लोकार्पण भी किया।
इनमें एम्स ऋषिकेश के अलावा, एम्स जोधपुर, एम्स भुवनेश्वर, एम्स बिलासपुर, एम्स देवघर, एम्स नागपुर और एम्स गोरखपुर की विभिन्न स्वास्थ्य योजनाएं शामिल हैं। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आम लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाना केंद्र सरकार की प्राथमिकता है।
एम्स ऋषिकेश में यह कार्यक्रम संस्थान के मुख्य सभागार में आयोजित किया गया। समारोह के दौरान संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने एम्स ऋषिकेश में विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं को विकसित करने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. मनसुख मांडविया का आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर एम्स ऋषिकेश के अध्यक्ष प्रो. समीरन नंदी, डीन एकेडेमिक प्रो. जया चतुर्वेदी, मेडिकल सुपरिटेंडेंट प्रो. आरबी कालिया, सीफएम की विभागाध्यक्ष डा. वर्तिका सक्सेना, उप निदेशक (प्रशासन) ले. कर्नल अमित पराशर, वित्तीय सलाहकार ले. कर्नल एस. सिद्धार्थ, सुपरिटेंडेंट इंजीनियर ले. कर्नल राजेश जुयाल, डा. मीनाक्षी धर, डा. वंदना धींगरा, डा. रूचि दुआ, विधि अधिकारी प्रदीप चंद्र पांडेय, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी संदीप कुमार सिंह, प्रशसनिक अधिकारी गौरव बडोला, पीपीएस विनीत कुमार सहित कई विभागों के फेकल्टी सदस्य, अधिकारीगण व अन्य स्टाफ उपस्थित रहे।
स्कूल आफ पब्लिक हेल्थ
संस्थान के समुदायिक एवं पारिवारिक चिकित्सा विभाग (सीएफएम) की ओर से संचालित स्कूल आफ पब्लिक हेल्थ में मास्टर आफ पब्लिक हेल्थ पाठ्यक्रम की सुविधा है। यह दो वर्षीय पाठ्यक्रम है। इस पाठ्यक्रम में सामुदायिक स्वास्थ्य बीमारियों की वृहद स्तर पर रोकथाम, प्रबंधन, स्वास्थ्य योजनाओं का मूल्यांकन, स्वास्थ्य के सामाजिक कारकों का व्यापक अध्ययन व उसकी रोकथाम के लिए योजना तैयार करना शामिल है।
न्यू ट्रामा आइसीयू
संस्थान के ट्रामा सेंटर में इस योजना को विकसित किया गया है। गंभीर रूप से बीमार व दुर्घटना के रोगियों सहित पालीट्रामा के रोगी, बंदूक की गोली से घायल, चाकू व छुरे से लगने वाली चोटें, रीढ़ की हड्डी की चोट और सिर की चोट जैसी गंभीर रोगियों का इसमें इलाज किया जा सकेगा। छह आइसोलेशन बेड सहित इसमें कुल 18 बेड का आइसीयू उपलब्ध है। इस ट्रामा आइसीयू में ऐसे मरीजों को भी रखा जा सकेगा जिन्हें अलग एंटीबायोटिक प्रोटोकाल और आघात चिकित्सा की आवश्यकता होती है।