एंबुलेंस समय पर मिलती तो जान बच सकती थी। इधर डा. महिमा ने बताया की रोगी के आंतों में इंफेक्शन और सांस की समस्या थी। जिला अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें अल्मोड़ा रेफर किया गया। एंबुलेंस का इंतजार स्वजन कर रहे थे। इस बीच रोगी ने दम तोड़ दिया। 11.46 बजे काल आई और 1.25 बजे जिला अस्पताल एंबुलेंस पहुंच गई थी।
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कुंवारी गांव के एक बीमार की मौत हो गई। जिस पर स्वजन ने जिला अस्पताल में जमकर हंगामा काटा। कुंवारी गांव निवासी 75 वर्षीय हयात राम बीमार था। गांव की सड़क बंद थी। रोगी को चमोली जिले के देवाल तक 15 किमी पैदल चलकर डोली के माध्यम से ले जाया गया।
स्वजन ने कहा कि 108 एंबुलेंस को काल किया लेकिन वह नहीं पहुंची। जिला अस्पताल तक प्राइवेट वाहन से लाए। जहां प्राथमिक उपचार हुआ। वहां से भी गंभीर बताते हुए हायर सेंटर रेफर किया गया। यहां से फिर एंबुलेंस को फोन किया। लेकिन वह ढाई घंटे देर से पहुंची तब तक हयात ने दम तोड़ दिया।
मृतक के पुत्र आनंद और मोहन राम ने कहा कि 11.20 बजे एंबुलेंस को काल की तो वह 1.40 बजे पहुंची। एंबुलेंस की देरी के कारण उन्होंने पिता को खोया है। ग्राम प्रधान खीम सिंह दानू ने कहा कि जिले का सबसे सुदूरवर्ती गांव कुंवारी है। मूलभूत सुविधां नहीं हैं।
एंबुलेंस समय पर मिलती तो जान बच सकती थी। इधर, डा. महिमा ने बताया की रोगी के आंतों में इंफेक्शन और सांस की समस्या थी। जिला अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें अल्मोड़ा रेफर किया गया। एंबुलेंस का इंतजार स्वजन कर रहे थे। इस बीच रोगी ने दम तोड़ दिया।
11.46 बजे काल आई और 1.25 बजे जिला अस्पताल एंबुलेंस पहुंच गई थी। तब तक रोगी की मौत हो गई थी। एंबुलेंस 30 किमी दूर बनलेख से भेजी गई थी। जिला अस्पताल की दो एंबुलेंस रेफर मरीजों को लेकर अल्मोड़ा गई थी।
– कमल शर्मा, जिला प्रभारी 108 आपातकालीन सेवा
मरीज की स्थिति ठीक नहीं थी। वह अल्मोड़ा पहुंचने के लायक भी नहीं थे। एंबुलेंस की कोई गलती नहीं है। स्वजन के कहने पर रोगी को रेफर किया गया था।
डा. विनोद कुमार टम्टा, सीएमएस, जिला अस्पताल
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