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स्टोन क्रशरों की मनमानी के खिलाफ खनन वाहन कारोबारी सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं. नैनीताल जनपद के स्टोन क्रेशर स्वामियों द्वारा खनन ढुलान का रेट कम करने से नाराज खनन कारोबारियों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है. नदियों से खनन निकासी ढुलाई का काम पूरी तरह से ठप्प हो गया है.

हड़ताल के दूसरे दिन हजारों की संख्या में खनन व्यवसाययों ने लालकुआं में स्टोन क्रेशर स्वामियों के खिलाफ प्रदर्शन किया. खनन कारोबारियों ने एसडीएम के माध्यम से सरकार को ज्ञापन भेजा और जल्द से जल्द रेट का समझौता कर गेट खोलने की मांग की.

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खनन कारोबारियों ने चेतावनी दी कि सोमवार शाम तक स्टोन क्रेशर स्वामियों द्वारा कम किए गए रेट को बहाल नहीं किया गया, तो खनन ढुलान में लगी गाड़ियों का परिवहन विभाग में सरेंडर किया जाएगा. खनन व्यवसाय से जुड़े मजदूरों और वाहन स्वामियों ने कहा कि स्टोन क्रशरों की मनमानी के चलते उनके सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है.

खनन कारोबारियों ने कहा कि 15 दिन पहले स्टोन क्रशर स्वामियों और जिला प्रशासन के साथ-साथ समझौते के बाद ₹30 प्रति क्विंटल के रेट से खनन ढुलान का रेट तय हुआ था. लेकिन 15 दिन बाद स्टोन क्रशरों ने अपनी मनमानी करते हुए ₹2 प्रति कुंटल रेट को कम कर दिया, जो पूरी तरह से नाइंसाफी है.

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खनन कारोबारियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती, तब तक उनका धरना प्रदर्शन जारी रहेगा. खनन कारोबियों ने कहा कि एक तो पहले से ही गौला और नंधौर नदी देर से खुली है. ऊपर से रेट कम करने से घाटे में चल रहे कारोबारियों पर यह नया भार पड़ेगा. उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि स्टोन क्रशर संचालकों ने अपना फैसला वापस नहीं लिया, तो उग्र आंदोलन किया जाएगा.

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स्टोन क्रशर संचालकों द्वारा 1 मार्च से दो रुपये प्रति कुंतल रेट कम किए जाने के फरमान के बाद खनन व्यवसायियों ने काम बंद कर दिया है.

अधिकारी मामले में कर रहे बातचीत: एसडीएम लालकुआं तुषार सैनी ने बताया कि खनन कारोबारी और स्टोन क्रेशर स्वामियों के साथ वार्ता चल रही है. उम्मीद है कि इस मामले का जल्द निस्तारण कर खनन कार्य को फिर से सुचारू कर दिया जाएगा.