खबर शेयर करें -

उत्तराखंड, देहरादून 

उत्तराखंड पुलिस ने अंकिता भंडारी हत्याकांड के मुख्य आरोपी पुलकित आर्य के पिता और भाजपा के पूर्व नेता विनोद आर्य के खिलाफ मंगलवार देर रात मामला दर्ज किया। उत्तर प्रदेश के सहारनपुर का रहने वाला 25 वर्षीय ड्राइवर दो दिसंबर को आर्य के खिलाफ अपनी शिकायत लेकर पुलिस के पास गया था, लेकिन हरिद्वार की स्थानीय पुलिस ने इस पर कार्रवाई करने से इनकार कर दिया।

आईपीसी की धाराओं में मामला दर्ज
मामले में हरिद्वार की स्थानीय पुलिस ने इस पर कार्रवाई करने से इनकार कर दिया था। मगर जब उसने वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क किया, तब जाकर आईपीसी की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया। वहीं सोशल मीडिया पर मामला सामने आने के बाद भी पुलिस दबाव में आ गई। मिली जानकारी अनुसार विनोद आर्य के खिलाफ आईपीसी की धारा 377 (अप्राकृतिक अपराध), 511 (उम्रकैद की सजा वाले अपराध करने की कोशिश), 307 (हत्या की कोशिश), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 504 (शांति भंग करने की कोशिश के साथ जानबूझकर अपमान) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया गया है। आगे की जांच जारी है। पीड़ित के अनुसार, उसे “कार चालक के रूप में काम करने के लिए ऑनलाइन नौकरी का अवसर मिला जो आर्य द्वारा पोस्ट किया गया था”।

यह भी पढ़ें -  हर की पैड़ी से गायब हुआ गंगा का पानी, तो दिखने लगी रेल की पटरियां.. ये है माजरा

यह था पूरा मामला
ड्राइवर ने मामले को विस्तार से बताते हुए जानकारी दी कि उसे 12 नवंबर को 10,000 रुपये प्रति माह के वेतन पर नेता के ड्राइवर के रूप में नियुक्त किया गया था. विनोद आर्य ने आर्य नगर में अपने आवास पर आवास की भी व्यवस्था की थी। लेकिन जल्द ही वह अक्सर ड्राइवर को रात में फोन करने लगा और मालिश करने का आदेश देने लगा । इसके बाद उसने ड्राइवर को गलत तरीके से छूना शुरू कर दिया। एक दिन उसने ड्राइवर के साथ कुकर्म करने की कोशिश की। ड्राइवर ने कहा कि आर्य ने उसे धमकी दी और किसी के साथ घटना के बारे में बात नहीं करने की चेतावनी दी। उसने बताया कि इसके बाद वह घर (उत्तर प्रदेश) लौट आया, जहां आर्य के एक आदमी ने उसे मारने की कोशिश की। आर्य ने विवाद सुलझाने के लिए उसे उत्तराखंड बुलाया। लेकिन जब वह वहां पहुंचा तो मंत्री ने उसे पीटा। इस सब के बाद ड्राइवर ने पुलिस से संपर्क किया मगर पुलिस ने शिकायत दर्ज नहीं की।