अंकिता भंडारी हत्याकांड के मामले में अंकिता के माता-पिता श्रीनगर में अनिश्चित काल तक धरने पर बैठ गए हैं. अंकिता के पिता वीरेंद्र भंडारी ने कहा कि एक साल बाद भी उनकी बेटी को इंसाफ नहीं मिला है. जो लोग बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए उनकी मदद कर रहे हैं. सरकार उनके के ट्रांसफर कर रही है.
उत्तराखंड के चर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड के मामले में अंकिता के माता-पिता श्रीनगर में अनिश्चित काल तक धरने पर बैठ गए हैं. उन्होंने सरकार पर आरोपियों को बचाने का आरोप लगाया है. पीड़ित माता-पिता का कहना है कि जब तक उन्हें न्याय नहीं मिल जाता वह धरने पर बैठें रहेंगे. अंकिता के पिता वीरेंद्र भंडारी ने कहा कि एक साल बाद भी उनकी बेटी को इंसाफ नहीं मिला है. जो लोग बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए उनकी मदद कर रहे हैं. सरकार उनके के ट्रांसफर कर रही है. या किसी मुकदमे में उन्हें फंसाने का काम कर रही है. जब तक गुनहगारों को सजा नहीं मिलती वह अपना धरना जारी रखेंगे.
सितंबर 2022 में हुई अंकिता की हत्या
इसके अलावा वीरेंद्र भंडारी ने कहा कि सरकार वीआईपी का नाम उजागर करने के बजाय मामले को दबाने की कोशिश कर रही है. जबकि उन्होंने वीआईपी का नाम पौड़ी डीएम को लिखित में दिया है. लेकिन सरकार उनकी जांच नहीं कर रही है. सरकार आरोपी पुलकित आर्य की संपत्ति को भी वैध करार दे रही है. जबकि पौड़ी पुलिस पुलकित की संपत्ति को कुर्क करने के आदेश दे चुकी है.
मुख्यमंत्री धामी ने डोभ श्रीकोट में बने नर्सिंग कॉलेज का नाम अंकिता के नाम पर करने की घोषणा की है. लेकिन अब तक इस तरफ कोई कदम नहीं उठाया गया है. अंकिता केस को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाए जाने की बात भी सीएम धामी ने की है लेकिन मामला सामान्य कोर्ट में ही चलाया जा रहा है.
पुलकित आर्य जेल में बंद है
बता दें कि, सितंबर 2022 में 19 साल की अंकिता भंडारी की हत्या कर दी गई थी. वो भोगपुर में बने वनतरा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के तौर पर काम करती थीं. हत्या के आरोप रिजॉर्ट के संचालक पुलकित आर्य और दो सहकर्मियों पर लगे. प्रबंधक सौरभ भास्कर और सहायक प्रबंधक अंकित गुप्ता. आरोपी पुलकित BJP के पूर्व राज्य मंत्री विनोद आर्य का बेटा है जिन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया. सभी आरोपी फिलहाल जेल में हैं.