कंपनी का उद्देश्य सस्ती दवाएं उपलब्ध कराना; अगले कुछ वर्षों में बायोसिमिलर दवाओं का मज़बूत पोर्टफोलियो लाने की उम्मीद।
मुंबई।
भारतीय दवा निर्माता कंपनी ल्यूपिन फार्मा ने कैंसर के उपचार की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। कंपनी ने घोषणा की है कि उसे कैंसर के मरीजों में न्यूट्रोपेनिया (Neutropenia) के उपचार हेतु विकसित अपनी बायोसिमिलर दवा के लिए अमेरिकी स्वास्थ्य नियामक (यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन – USFDA) से मंज़ूरी मिल गई है।
दवा की विशेषताएँ
ल्यूपिन द्वारा विकसित इस दवा का नाम आर्मलुपेग (Armalupeg, पेगफिलग्रास्टिम-उन्ने) 6 mg/0.6 mL इंजेक्शन है। इसे न्यूलास्टा (पेगफिलग्रास्टिम) इंजेक्शन के बायोसिमिलर के तौर पर मंज़ूरी मिली है। यह एक सिंगल-डोज प्रीफिल्ड सिरिंज है, जिससे कैंसर के उपचार में सहायता मिलने की प्रबल संभावना है।
न्यूट्रोपेनिया क्या है?
न्यूट्रोपेनिया एक ऐसी स्थिति है जो प्रायः कैंसर के उपचार के दौरान उत्पन्न होती है। इसमें रक्त में न्यूट्रोफिल (एक प्रकार की श्वेत रक्त कोशिका) की संख्या कम हो जाती है, जिससे रोगी की संक्रमणों से लड़ने की क्षमता कमज़ोर पड़ जाती है। यह दवा इसी स्थिति के इलाज में सहायक होगी।
कंपनी का दृष्टिकोण
ल्यूपिन की सीईओ (मुख्य कार्यकारी अधिकारी) विनीता गुप्ता ने इस मंज़ूरी को कंपनी के उस उद्देश्य की दिशा में एक अहम कदम बताया, जिसके तहत वह मरीजों को सस्ती और सुलभ दवाएँ उपलब्ध कराना चाहती है। उन्होंने आगे कहा कि ल्यूपिन अगले कुछ वर्षों में बायोसिमिलर दवाओं का एक मज़बूत पोर्टफोलियो तैयार करने की उम्मीद कर रही है, जिससे मरीजों की देखभाल की गुणवत्ता में सुधार लाने में सहायता मिलेगी।
गौरतलब है कि अनियमित जीवनशैली और खान-पान की गड़बड़ी के कारण वैश्विक स्तर पर कैंसर के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस बायोसिमिलर दवा की मंज़ूरी से कैंसर के उपचार को अधिक किफायती और सुगम बनाने में मदद मिलेगी।


