विदेशों में रह रहे 18 साल से ऊपर के वो सभी भारतीय भारत में होने वाले चुनाव में वोट डाल सकते हैं, बशर्ते उन्होंने भारतीय नागरिकता न छोड़ी हो. हालांकि, इसमें भी एक पेंच है और वो क्या है, जानते हैं.
अब जब भारत में लोकसभा चुनाव का आगाज हो चुका है, ऐसे में एक सवाल मन में उठता है कि अमेरिका समेत दूसरे देशों में बसे भारतीय नागरिक वोट डाल सकते हैं या नहीं? भारत में होने वाले चुनावों में दूसरे मुल्कों में बसे भारतीयों को वोट डालने का अधिकार तब तक रहता है, जब तक उन्होंने भारत की नागरिकता न छोड़ी हो. 2010 तक दूसरे देशों में बसे भारतीय नागरिकों को भारत में वोट डालने का अधिकार नहीं था. अभी इन्हें वोटिंग का अधिकार तो है, लेकिन एक शर्त भी है. और वो शर्त ये है कि वोट डालने के लिए उन्हें पोलिंग बूथ पर ही आना होगा.
एनआरआई लंबे वक्त से रिमोट वोटिंग की मांग कर रहे हैं, ताकि वो वहीं से ही भारत में होने वाले चुनाव में वोट डाल सकें. इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी कई याचिकाएं दाखिल हैं. चुनाव आयोग का कहना है कि जल्द ही इसकी व्यवस्था भी कर दी जाएगी.
NRIs को वोटिंग का अधिकार
2010 से पहले विदेशों में रहने वाले भारतीयों को वोटिंग का अधिकार नहीं था. तब नियम था कि अगर कोई भारतीय छह महीने से ज्यादा विदेश में रह रहा है, तो उसका नाम वोटर लिस्ट से हटा दिया जाएगा.
बाद में 2010 में रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपुल्स एक्ट में संशोधन किया गया था. इसके बाद NRIs को भी वोटिंग का अधिकार मिल गया.
वोटिंग का अधिकार तो मिल गया, लेकिन एक पेंच भी है. आरपी एक्ट की धारा 20A के मुताबिक, वोट डालने के लिए पोलिंग स्टेशन आना होगा. यानी, NRIs वोट तो डाल सकते हैं, लेकिन पोलिंग बूथ में आकर. इस वजह से ज्यादातर NRIs वोट देने से वंचित रह जाते हैं.
वोटर लिस्ट में ऐसे जुड़वा सकते हैं नाम
पढ़ाई, नौकरी या किसी और सिलसिले में विदेश में रह रहे भारतीय नागरिक वोटर लिस्ट में अपना नाम दर्ज करवा सकते हैं. 18 साल से ऊपर का कोई भी NRI फॉर्म 6A भरकर ऐसा कर सकता है.
इस फॉर्म को चुनाव आयोग की वेबसाइट से डाउनलोड किया जा सकता है. विदेश में भारतीय दूतावास से इसे फ्री में भी लिया जा सकता है.
लेकिन कोई भी NRI वहीं की वोटर लिस्ट में अपना नाम दर्ज करवा सकता है, जहां भारत में उसका निवास है. मसलन, अगर कोई NRI मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल का रहने वाला है और उसका घर गोविंदपुरा विधानसभा में पड़ता है, तो यहां को वोटर लिस्ट में ही उसका नाम दर्ज होगा.
फॉर्म 6A भरने के बाद इसे संबंधित इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर को पोस्ट के जरिेए भेज सकते हैं. इसे चुनाव आयोग की वेबसाइट से ऑनलाइन भी जमा किया जा सकता है. वेबसाइट पर ही सभी रजिस्ट्रेशन ऑफिसर का नाम और नंबर भी मिल जाएगा.
वोटर लिस्ट में नाम आने के बाद NRIs को भी वोट डालने का अधिकार मिल जाता है. वोटिंग वाले दिन पोलिंग बूथ पर जाकर वोट डाल सकते हैं. अपने साथ पासपोर्ट लेकर जाना जरूरी है.
ऑनलाइन वोट नहीं डाल सकते क्या?
फिलहाल विदेश में रह रहे भारतीय नागरिकों के लिए ऑनलाइन वोटिंग की सुविधा नहीं है.
अभी सिर्फ चुनाव ड्यूटी में लगे कर्मचारी, सेना के जवान या विदेशों में काम करने वाले सरकारी अधिकारी ही इलेक्ट्रॉनिकली या पोस्ट के जरिए वोट दे सकते हैं. इन्हें सर्विस वोटर्स कहा जाता है.
सर्विस वोटर्स इलेक्ट्रॉनिकली ट्रासमिटेड पोस्टल बैलेट सिस्टम यानी ETPBS के जरिए वोट डालते हैं. ETPBS के जरिए सर्विस वोटर को पहले पोस्टल बैलेट भेज दिया जाता है. उसके बाद सर्विस वोटर इसे डाउनलोड कर अपना वोट करते हैं. इसके बाद इसे ईमेल के जरिए या पोस्ट के जरिए रिटर्निंग ऑफिसर को भेज देते हैं.
आंकड़ों के मुताबिक, 2019 के चुनाव में 18 लाख से ज्यादा पोस्टल बैलेट भेजे गए थे, जिनमें से 10.84 लाख लोगों ने इन्हें भरकर भेजा था. यानी, ETBPS के जरिए 60 फीसदी से ज्यादा वोट पड़े थे.
चुनाव आयोग और सरकार NRIs के लिए भी ऐसी ही सुविधा शुरू करने पर काम कर रही है. हालांकि, अब तक ये शुरू नहीं है.
तीन साल पहले चुनाव आयोग ने सरकार के सामने इसे लेकर प्रस्ताव भी रखा था. केंद्र की ओर से सुप्रीम कोर्ट में बताया गया था विदेशों में रहे रहे अप्रवासी भारतीयों के लिए रिमोट वोटिंग शुरू करने पर विचार किया जा रहा है.
कितने NRIs हैं?
विदेश मंत्रालय के मुताबिक, दुनियाभर में 1.36 करोड़ भारतीय बाहर रहते हैं. सबसे ज्यादा 34.19 लाख यूएई में रहते हैं. अमेरिका में 12.80 लाख भारतीय हैं. वहीं, चुनाव आयोग के अनुसार लगभग सवा लाख भारतीय रजिस्टर्ड हैं.
7 फेज में हैं लोकसभा चुनाव
लोकसभा चुनाव का आगाज बुधवार से हो गया है. पहले चरण की अधिसूचना बुधवार को जारी हो गई है. पहले फेज में 17 राज्यों और चार केंद्र शासित प्रदेशों की 102 सीटों पर 19 अप्रैल को वोटिंग होगी. इसके बाद 26 अप्रैल, 7 मई, 13 मई, 20 मई, 25 मई और 1 जून को वोट डाले जाएंगे. 4 जून को नतीजे घोषित होंगे.