टनकपुर अस्पताल में डॉक्टर से मारपीट के मामले में उत्तराखंड हाईकोर्ट ने समझौतानामा के साथ याचिका खारिज कर दी है. उत्तराखंड हाईकोर्ट ने चंपावत जिले के टनकपुर अस्पताल में डॉक्टर और स्टाफ के साथ मारपीट करने और सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने के मामले में दायर समझौता नामा समेत याचिका को खारिज कर दिया है.
यमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई. मामले के अनुसार टनकपुर जिला चंपावत निवासी भुवन व उधमसिंह नगर निवासी डॉक्टर मोहम्मद उमर ने हाइकोर्ट में समझौता प्रार्थना पत्र दाखिल किया था. लेकिन कोर्ट ने समझौता प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया है.
डॉक्टर उमर का आरोप था कि तीनों को समझाने की कोशिश की गई लेकिन वह तीनों जान से मारने की धमकी देते हुए तोड़फोड़ करने लगे. डॉक्टर ने बताया कि मौके मौजूद पुलिस कर्मियों ने तीनों को समझाने का प्रयास किया. लेकिन तीनों विधायक का नाम लेकर रौब दिखाने लगे. इसके बाद पुलिस ने इस प्रकरण पर 9 अप्रैल 2020 को चार्जशीट दाखिल किया.
मामले पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट चंपावत ने 13 मई 2020 को आरोपियों को कोर्ट में तलब करने का आदेश पारित किया. जिसके खिलाफ याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट में चुनौती दी. इसी बीच याचिकाकर्ताओं व शिकायतकर्ता के बीच समझौतानामा कर प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया ,जिसके बाद कोर्ट ने खारिज करते हुए कहा कि डॉक्टर व स्टाफ के साथ मारपीट करना व सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाना गंभीर मसला है.