भोटियापड़ाव झंडे वाले पार्क के सामने गली के भवन में धार्मिक गतिविधि चल रही थी। आरोप है कि दूसरे पक्ष ने इसका विरोध किया और हंगामा शुरू कर दिया।
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भोटिया पड़ाव क्षेत्र में देर शाम एक धार्मिक गुरु से मारपीट का आरोप लगाकर एक पक्ष ने कोतवाली का घेराव किया और दूसरे पक्ष के लोगों की गिरफ्तारी की मांग की। कोतवाली पर भीड़ बढ़ती देख मौके पर आईजी नीलेश आनंद भरणे और जामा मस्जिद के शहर इमाम मौलाना मो. आजम कादरी पहुंचे और लोगों के समझाने का प्रयास किया लेकिन लोग नहीं माने। देर रात आक्रोशित लोगों की तहरीर पर मनोज भट्ट के समेत 30 से 40 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
सोमवार शाम भोटियापड़ाव झंडे वाले पार्क के सामने गली के भवन में धार्मिक गतिविधि चल रही थी। आरोप है कि दूसरे पक्ष ने इसका विरोध किया और हंगामा शुरू कर दिया। मौके पर पुलिस भी पहुंच गई, सिटी मजिस्ट्रेट और नगर निगम की टीम
भी आ गई। बताया जाता है कि सिटी मजिस्ट्रेट ने भवन स्वामी से जमीन के कागज, निर्माण की अनुमति दिखाने के लिए कहा। कागजात नहीं दिखाने पर भवन सील कर दिया। कार्रवाई से नाराज एक पक्ष ने धार्मिक गुरु से अभद्रता का आरोप लगाते हुए पुलिस और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कोतवाली का घेराव कर दिया। आला पुलिस के अधिकारियों और धार्मिक गुरुओं के समझाने पर भी लोग नहीं माने।
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देर रात करीब दो बजे तहरीर पर मुकदमा दर्ज होने और आईजी के आश्वासन पर हंगामा शांत हुआ। हालांकि समाचार लिखे जाने तक कोतवाली के भीतर पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारियों के साथ एक पक्ष के कुछ लोग और धार्मिक गुरु मौजूद थे। पुलिस सूत्रों की मानें तो मामले पर एडीजी लॉ एंड आर्डर बी. मुरुगेशन की भी नजर रही और उन्होंने डीजीपी अशोक कुमार को भी मामले से अवगत कराया है।
तीन दिन पहले जताई गई थी विवाद की आशंका, पुलिस को जारी हुआ था अलर्ट
सूत्रों की मानें तो तीन दिन पहले ही भोटिया पड़ाव इलाके में एक विवादित स्थल को लेकर भविष्य में हंगामे की आशंका जताई गई थी। इसे लेकर पुलिस को सतर्क रहने के लिए कहा गया था और इसकी रिपोर्ट भी प्रशासन को भेजी गई थी। इसके बावजूद पुलिस ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। लिहाजा विवाद होते ही मौके पर भारी भीड़ जमा हो गई और कोतवाली का घेराव तक हो गया। हालांकि पुलिस के वरिष्ठ अधिकािरयों के मौके पर पहुंचने और सूझबूझ से मामले को चार घंटे में सुलझा लिया गया।
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