सूचना विभाग के संयुक्त निदेशक एवं नोडल अधिकारी के नेतृत्व में उत्तराखंड से 18 कलाकार गणतंत्र दिवस परेड में भाग ले रहे हैं। झांकी के अग्र व मध्य भाग में कार्बेट नेशनल पार्क में विचरण करते हुए हिरन, बारहसिंघा, घुरल, मोर के अलावा राज्य में पाए जाने वाली विभिन्न पक्षियां, पृष्ठ भाग में प्रसिद्ध जागेश्वर मंदिर समूह और देवदार के वृक्षों को दिखाया जाएगा ।
गणतंत्र दिवस परेड में उत्तराखंड की झांकी के साथ कुमाऊं का पारंपरिक छोलिया नृत्य की प्रस्तुति दिखेगी। इस बार राज्य की झांकी मानसखंड पर तैयार की गई है। रक्षा मंत्रालय की ओर से राष्ट्रीय रंगशाला शिविर नई दिल्ली में राज्य के कलाकारों ने उत्तराखंड की पांरपरिक वेशभूषा में सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया।
इसके अलावा 16 राज्यों के कलाकारों ने अपने प्रदेश की झांकी के साथ पांरपरिक वेशभूषा में प्रस्तुति दी गई। सूचना विभाग के संयुक्त निदेशक एवं नोडल अधिकारी केएस चौहान के नेतृत्व में उत्तराखंड से 18 कलाकार गणतंत्र दिवस परेड में भाग ले रहे हैं।
झांकी के अग्र व मध्य भाग में कार्बेट नेशनल पार्क में विचरण करते हुए हिरन, बारहसिंघा, घुरल, मोर के अलावा राज्य में पाए जाने वाली विभिन्न पक्षियां, पृष्ठ भाग में प्रसिद्ध जागेश्वर मंदिर समूह और देवदार के वृक्षों को दिखाया जाएगा। प्रसिद्ध लोक कला ऐपण काे भी झांकी के मॉडल में शामिल किया गया।
मानसखंड सबके लिए रहेगा आकर्षण का केंद्र
चौहान ने बताया कि कर्तव्य पथ पर इस बार उत्तराखंड की झांकी मानसखंड सबके लिए आकर्षण का केंद्र रहेगी। केदारनाथ व बदरीनाथ की तर्ज पर कुमाऊं के पौराणिक मंदिरों के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर मानसखंड मंदिर माला मिशन योजना पर काम किया जा रहा है।
गणतंत्र दिवस परेड के माध्यम से देश-विदेश के लोग मानसखंड के साथ ही उत्तराखंड की लोक संस्कृति से भी परिचित होंगे। राज्य की झांकी का निर्माण स्मार्ट ग्राफ आर्ट एडवरटाइजिंग प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक सिद्धेश्वर कानूगा द्वारा किया जा रहा है।