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करीब 10 दिनों तक महरौली के जंगल में दिल्ली पुलिस ने खाक छानी थी, उसकी मेहनत बेकार नहीं गई. श्रद्धा वॉल्कर उसी जंगल में थी. मगर लाश की शक्ल में नहीं, बल्कि हड्डियों के तौर पर. दिल्ली पुलिस ने उस जंगल से जो 13 हड्डियां बरामद की थी, वो श्रद्धा की ही थीं. सीएफएसएल की डीएनए रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हो चुका है. और इसके साथ ही ये भी साफ हो गया कि श्रद्धा का कत्ल हो चुका है.

खुल गया श्रद्धा वॉल्कर की मौत का राज
तो आखिर वो डीएनए रिपोर्ट आ ही गई, जिससे श्रद्धा वॉल्कर की सारी सच्चाई भी खुल गई. और इस तरह से पुलिस को भी सारे सवालों का जवाब मिल गया है. अब आफताब अमीन पूनावाला पूरी तरह से घिर गया है. और इसके साथ ही ये तय हो गया कि श्रद्धा वॉल्कर अब उस दुनिया में नहीं है. ये भी साफ हो गया कि श्रद्धा का कत्ल हुआ था. साथ ही ये भी साबित हो गया कि श्रद्धा का आरोपी कातिल कोई और नहीं आफताब पूनावाला ही है.

25 दिन बाद आई रिपोर्ट
करीब 25 दिन के इंतज़ार के बाद गुरुवार को आखिरकार वो रिपोर्ट सामने आ गई, जिसका सबसे ज्यादा इंतजार दिल्ली पुलिस को था. क्योंकि इस एक रिपोर्ट पर ही श्रद्धा के जिंदा या मुर्दा होने का अंतिम फैसला टिका था. तो सबसे पहले बात डीएनए रिपोर्ट की, उसके बाद बात श्रद्धा मर्डर केस की जांच के अगले पडाव की.

सीएफएसएल में की गई हड्डियों की जांच
दिल्ली में मौजूद है सीबीआई मुख्यालय. उसी सीबीआई मुख्यालय में सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लैबोट्ररी यानी सीएफएसएल है. हर बड़े और पेचीदा केस की फॉरेंसिक जांच उसी लैब में होती है. श्रद्धा मर्डर केस में दिल्ली पुलिस ने फॉरेंसिक जांच के लिए दो अलग-अलग लैब को चुना था. आफताब के घर से लिए गए खून के नमूने और दूसरे सुरागों को जांच के लिए रोहिणी फॉरेंसिक लैब भेजा गया था, जबकि आफताब की निशानदेही पर महरौली के जंगलों से बरामद 13 हड्डियों के डीएनए के लिए सैंपल सीएफएसएल में भेजे गए थे. सीएफएसएल ने गुरुवार को ये डीएनए की रिपोर्ट दिल्ली पुलिस को सौंप दी थी.

स्पेशल कमिश्नर ने किया खुलासा
दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमिश्नर सागरपीत हुड्डा ने बाकायदा रिपोर्ट मिलने का खुलासा किया. इस रिपोर्ट में है क्या, आइए आपको बताते हैं. आफताब की निशानदेही पर दिल्ली पुलिस ने जो 13 हड्डियां बरामद की थी, उससे पुलिस को दो बातें पता लगानी थी. पहली तो ये कि बरामद हड्डियां इंसान की ही हैं और दूसरी ये कि ये श्रद्धा की हैं. शुरुआती जांच में ये साफ हो गया था कि महरौली के जंगलों से जो हड्डियां पुलिस लेकर आई है, वो इंसान की ही हैं.

अब शक की कोई गुंजाइश नहीं 
अब ये साबित करने के लिेए कि ये हड्डियां श्रद्धा की हैं, सबसे पहले पुलिस ने श्रद्धा के पिता विकास वॉल्कर के डीएनए सैंपल लिए. इसके बाद उन 13 हड्डियों से इसका मिलान किया गया. बरामद हड्डियां और विकास वॉल्कर के डीएनए सैंपल मैच कर गए और इसके साथ ही ये साफ हो गया कि हड्डियां श्रद्धा की ही थी. शक और शुबहे की अब कोई गुंजाइश नहीं थी. इस रिपोर्ट ने दिल्ली पुलिस का आधा काम आसान कर दिया है.

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बरामद जबड़ा भी श्रद्धा का निकला
दिल्ली पुलिस सूत्रों के मुताबिक जो 13 हड्डियां सीएफएसएल को डीएनए जांच के लिए भेजी गई थी, उनमें से कुछ हड्डियां श्रद्धा के पिता के डीएनए सैंपल से पूरी तरह मैच कर गई. इतना ही नहीं महरौली के जंगल से जो इंसानी जबड़ा बरामद हुआ था, वो भी श्रद्धा का ही निकला. ये जबड़ा भी श्रद्धा के पिता विकास वॉल्कर के डीएनए से मैच कर गया.

आफताब के घर में मिले खून के निशान भी श्रद्धा के निकले
डीएनए रिपोर्ट से पहले बुधवार को दिल्ली पलिस को एक और रिपोर्ट मिल चुकी थी. फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स की एक टीम ने छतरपुर पहाड़ी में आफताब के इस घर से खून की कुछ बूंदें बरामद की थी. साथ ही घर के टाइल्स की गैप से भी कुछ सुराग मिले थे. इन्हें भी जांच के लिए फॉरेंसिक लैब भेजा गया था. ये पता लगाने के लिए कि खून का सैंपल श्रद्धा के खून से मैच करता है या नहीं. घर में मिले खून के नमूने भी श्रद्धा के खून से मैच कर गए. यानी ये साफ हो गया कि श्रद्धा का कत्ल इसी घर के अंदर हुआ था. फॉरेंसिक की ये रिपोर्ट भी दिल्ली पुलिस के लिए आने वाले दिनों में बेहद कारगर साबित होगी.

कपड़ों में छुपे सुराग भी निकले सही
फॉरेंसिक लैब से दिल्ली पुलिस को एक और रिपोर्ट मिली. ये रिपोर्ट उन कपड़ों में छुपे सुरागों को लेकर थी, जिन कपड़ों को श्रद्धा ने कत्ल के वक्त पहन रखा था. ये कपड़े दिल्ली पुलिस को महरौली के जंगल से ही मिले थे. हालांकि आफताब ने शुरू में पुलिस को ये कह कर गुमराह किया था कि उसने श्रद्धा के कपड़ों को घर के पास ही एक कूड़ा गाड़ी में फेंक दिया था. इन कपड़ों में छुपे सबूत भी फॉरेंसिक जांच में ये गवाही देने लगे कि श्रद्धा मर चुकी है.

पुलिस को मिल गई पॉलीग्राफ टेस्ट की रिपोर्ट
इन रिपोर्ट्स के अलावा बुधवार को ही दिल्ली पुलिस को आफताब के पॉलीग्राफ टेस्ट की रिपोर्ट भी मिल गई. नार्को टेस्ट से पहले दिल्ली के इसी अंबेडकर अस्पताल में आफताब का पॉलीग्राफ टेस्ट हुआ था. हालांकि पॉलीग्राफ टेस्ट की रिपोर्ट के बारे में दिल्ली पुलिस ने कुछ खुलासा नहीं किया. लेकिन पुलिस सूत्रों के मुताबिक ये रिपोर्ट भी आगे चल कर अदालत कार्रवाई में काफी कारगर साबित होंगे.

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पुलिस को मिल चुकी हैं लगभग सारी रिपोर्ट
अब अगर फॉरेंसिक जांच या जांच रिपोर्ट की बात करें, तो लगभग सारी रिपोर्ट दिल्ली पुलिस को मिल चुकी है. सिवाय नार्को टेस्ट रिपोर्ट के. आफताब का नार्को टेस्ट सबसे आखिर में हुआ था, नार्को टेस्ट की रिपोर्ट तैयार करने में अच्छा खासा वक्त लगता है. क्योंकि नीम बेहोशी की हालत में मरीज जो कुछ बोल रहा होता है, उसकी उस बोली के साथ-साथ उसको मॉनिटर कर रहे मशीनों की भाषा की भी स्टडी की जाती है. दोनों चीजों को मैच करने के बाद ही फाइनल रिपोर्ट तैयार होती है.

नार्को टेस्ट में कुछ नया खुलासा नहीं
हालांकि उम्मीद है कि नार्को टेस्ट की रिपोर्ट भी इस हफ्ते या अगले हफ्ते तक आ जाएगी. हालांकि एफएसएल सूत्रों के मुताबिक नार्को टेस्ट के दौरान आफताब ने ऐसा कोई नया खुलासा नहीं किया, जिससे केस की जांच पर कुछ असर पड़े. उसने नार्को टेस्ट के दौरान भी वही सारी बातें दोहराईं, जो उससे पहले पुलिस हिरासत में पूछताछ के दौरान लगातार दोहराता रहा था.

पुलिस के लिए आसान नहीं ये केस
श्रद्धा मर्डर केस के खुलासे को अब महीने भर से ऊपर हो चुका है. लगभग सारी रिपोर्ट दिल्ली पुलिस के पास है. आफताब न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में है, तो अब आगे क्या? क्या ये केस पूरी तरह से सुलझ गया? क्या वो तमाम सबूत पुलिस ने हासिल कर लिेए जिनकी उसे तलाश थी? क्या आफताब को कड़ी सज़ा दिलाने के लिए दिल्ली पुलिस के पास तमाम पर्याप्त सबूत अब मौजूद हैं? तो भले ही डीएनए रिपोर्ट आ चुकी है, मगर इसके बावजूद अब भी ये केस पुलिस के लिए बेहद मुश्किल है. और ये हम नहीं कह रहे, बल्कि खुद दिल्ली पुलिस कह रही है.

आफताब से फिर की जा सकती है पूछताछ
दिल्ली पुलिस सूत्रों का कहना है कि ये केस जितना आसान दिखता है, उतना आसान है नहीं. इसीलिए पुलिस बेहद सावधानी से अपनी तफ्तीश को आगे बढ़ा रही है. पुलिस सूत्रों का कहना है कि नए खुलासों और रिपोर्ट के बाद ज़रूरत पड़ी, तो अदालत की इजाज़त लेकर पुलिस आफताब से फिर पूछताछ कर सकती है. दिल्ली पुलिस सूत्रों के मुताबिक आफ़ताब शुरुआत से ही पुलिस को गुमराह कर रहा है. इसे देखते हुए आनेवाले वक्त में वो अदालत में कोई नया पैंतरा ना आज़माए, इसकी उम्मीद कम है.

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आफताब को कातिल साबित करने की चुनौती
इसीलिए फॉरेंसिक सबूतों के अलावा पुलिस बाक़ी तमाम छोटे-बडे सबूत, सरकमस्टैंशियल एविडेंस और केस से जुडे गवाहों पर बेहद बारीकी से काम कर रही है. पुलिस सूत्रों का कहना है कि डीएनए रिपोर्ट ने बस ये साफ किया है हड्डियां श्रद्धा की थी. यानी श्रद्धा का कत्ल हो चुका है. लेकिन श्रद्धा का कत्ल आफताब ने ही किया है, ये साबित करना अब हमारा काम है. आफताब को कातिल ठहराने के लिए जरूरी है कि कत्ल का मकसद, कत्ल के लिए इस्तेमाल किेए गए हथियार और कत्ल से सीधे तौर पर जुड़े दूसरे सबूतों को इकट्ठा किया जाए.

श्रद्धा के पिता की मौजूदगी में आफताब ने बताई थी जगह
वैसे दिल्ली पुलिस के पास ये एडवांटेज है कि डीएनए जांच में जो हड्डियां श्रद्धा की पाई गई, उन तमाम हड्डियों को आफताब की निशानदेही पर ही महरौली के जंगल से बरामद किया गया था. इतना ही नहीं श्रद्धा की लाश के टुकड़ों को ढूंढने के लिए एक बार दिल्ली पुलिस खुद श्रद्धा के पिता विकास वॉल्कर को भी अपने साथ ले गई थी. विकास वॉल्कर के सामने ही आफताब उन जगहों की तरफ इशारा कर रहा था, जहां उसने लाश के टुकड़ों को ठिकाने लगाया था. ये बात खुद विकास वॉल्कर ने आजतक को बताई.

महीनेभर पहले हुआ था कत्ल का खुलासा
जाहिर है डीएनए रिपोर्ट आने के बाद श्रद्धा के जिंदा होने की विकास वॉल्कर की आखिरी उम्मीद भी खत्म हो चुकी है. लेकिन उन्हें इस बात का सुकून है कि डीएनए रिपोर्ट से आफताब के बच निकलने के अब सारे रास्ते बंद हो चुके हैं. हालांकि आफताब के बयान के हिसाब से उसने श्रद्धा का कत्ल 18 मई को किया था. यानी श्रद्धा के कत्ल को लगभग 7 महीने पूरे होनेवाले हैं. लेकिन कत्ल का खुलासा 11 नवंबर को हुआ था. इस हिसाब से कत्ल के खुलासे को अभी महीना भर ही हुआ है.

90 दिन से पहले ही दाखिल हो सकती है चार्जशीट
यानी दिल्ली पुलिस के पास श्रद्धा मर्डर केस में आफताब के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने के लिए अभी करीब 2 महीने का वक्त और है. चार्जशीट दाखिल करने की मियाद 90 दिनों की होती है. 90 दिन के अंदर-अंदर पुलिस को चार्जशीट यानी आरोप पत्र दाखिल करना ही होता है. हालांकि उम्मीद की जानी चाहिए कि दिल्ली पुलिस 90 दिन का इंतज़ार करने की बजाय उससे बहुत पहले ही इस मामले में आफताब के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर देगी.

 

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