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मध्य प्रदेश के ग्वालियर का रहने वाला विकास गौतम महज 8वीं क्लास पास है. लेकिन वह खुद को कानपुर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) से पासआउट बताता था और खुद को उत्तर प्रदेश कैडर का इंडियन पुलिस सर्विस (IPS) अफसर बताता था और कुछ इस तरह सोशल मीडिया के जरिए खासतौर से महिलाओं को पहले जाल में फंसाता था. फिर ठगी की वारदात को अंजाम देता था. आरोपी गौतम पर यूपी और ग्वालियर में इसी तरह की ठगी के कुछ मामले पहले से दर्ज हैं.

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अब विकास गौतम ने खुद को आईपीएस अधिकारी बताकर आउटर दिल्ली के संजय गांधी अस्पताल की डॉक्टर से 25 हजार रुपए ठग लिए थे. जिस मामले की शिकायत महिला डॉक्टर ने पुलिस से की थी. पुलिस ने मामले की जांच करते हुए विकास गौतम को गिरफ्तार किया.

विकास गौतम ने फेसबुक और इंस्टाग्राम पर विकास यादव IPS के नाम से फर्जी प्रोफाइल बना रखी थी. कहने को विकास गौतम महज 8वीं तक पढ़ा है और औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (ITI) से वेल्डिंग करने की ट्रेनिंग ली हुई है.

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8वीं तक की पढ़ाई करने के बाद विकास गौतम दिल्ली के मुखर्जी नगर इलाके में शिफ्ट हो गया, जहां रेस्टोरेंट में काम करने लगा. पता हो कि राष्ट्रीय राजधानी के इस इलाके में ज्यादातर सिविल सर्विस की तैयारी करने वाले वो छात्र आते थे, जो नामी कोचिंग सेंटर्स में पढ़ते हैं.

वहीं, बता दें कि हाल के वर्षों में संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा में सफल होने वाले अधिकतर उम्मीदवारों का बैकग्राउंड इंजीनियरिंग और मेडिकल फील्ड से जुड़ा ही रहा है. विकास गौतम को यहीं से आइडिया आया और वह खुद को IIT कानपुर से पासआउट बताने लगा.

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इसके बाद उसने 2021 बैच का आईपीएस बताकर सोशल मीडिया पर प्रोफाइल बनाई और ठगी की वारदात को अंजाम देने लगा. आउटर दिल्ली की साइबर सेल ने विकास को गिरफ्तार किया है. आरोपी से पूछताछ जारी है.