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हल्द्वानी: साइबर अपराधी अलग-अलग तरीकों से लोगों की पूंजी उड़ा रहे हैं. साइबर अपराधियों के झांसे में पढ़े लिखे लोग भी आ रहे हैं. हल्द्वानी से साइबर ठगी के दो मामले सामने आए हैं. पंजाब नेशलन बैंक के सेवानिवृत्त कर्मी को साइबर ठगों ने अपना शिकार बना लिया. वह पंजाब नेशनल बैंक का ऐप डाउनलोड करने की कोशिश कर रहे थे. तभी एक जालसाज ने बैंक अधिकारी बनकर उन्हें अपनी बातों में फंसाकर ओटीपी हासिल कर उनके तीन बैंक खातों से 2.44 लाख रुपए साफ कर दिए.

कालोनी बिठौरिया कुसुमखेड़ा मुखानी निवासी विनीत भेटीवाल ने पुलिस को बताया कि उनके पिता गंगाराम आर्या पंजाब नेशनल बैंक से सेवानिवृत्त हैं. उनके पीएनबी में तीन बचत और ओडी खाते हैं. बीती 16 जून को गंगाराम ने नए मोबाइल में पीएनबी वन एपलीकेशन डाउनलोड की. एप डाउनलोड होने के बाद एक व्यक्ति ने उन्हें फोन किया. उसने खुद को बैंक प्रतिनिधि बताया.
व्हाट्सएप पर ऐप से जुड़ी जानकारी साझा करने को कहा. इसके बाद व्हाट्सएप पर उनसे जो भी जानकारी मांगी गई वह देते गए. अंत में ओटीपी भी साझा कर दी. शाम को जब उन्होंने फोन चेक किया तो तीनों बैंक खातों से 2 लाख 44 हजार रुपए गायब थे. मुखानी थानाध्यक्ष दिनेश जोशी ने बताया कि तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर साइबर क्राइम थाने को ट्रांसफर कर दिया गया है.

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काठगोदाम थानाक्षेत्र में एक व्यक्ति को सोशल मीडिया साइड टेलीग्राम पर टास्क रेटिंग का झांसा देकर ढाई लाख रुपए ठग लिए गए. मित्रपुरम जवाहर ज्योति दमुवाढूंगा निवासी ललित कुमार आर्या ने पुलिस को बताया बीते सितंबर में उन्हें टेलीग्राम ऐप में टास्क रेटिंग देने को कहा गया. जिसके जरिये अलग-अलग खातों में रुपये ट्रांसफर करने थे. कहा गया था कि इसके एवज में उन्हें एक्स्ट्रा रुपए मिलेंगे. रुपये ट्रांसफर तो किए, लेकिन खाते में रुपये वापस आए नहीं, शिकायत की तो कहा गया कि आपको खाते में और रुपये डालने होंगे, तभी खाते में पैसे वापस आएंगे. जब तक ललित को जालसाजी समझ में आती उनके साथ 255100 रुपये की ठगी हो चुकी थी. घटना के 24 घंटे के भीतर उन्होंने शिकायत भी दर्ज कराई, लेकिन पैसे वापस नहीं मिले. काठगोदाम थानाध्यक्ष पंकज जोशी ने बताया कि मामले में तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.