खबर शेयर करें -

हल्द्वानी के स्कूल के खस्ता हाल को देखकर दौरे पर आए एसडीएम भी चौंक गए। छत से न केवल पानी टपक रहा था बल्कि जगह-जगह से छत व दीवारें टूटकर गिर रही थीं। गीली दीवारों पर करंट फैल रहा था। इस खंडहर भवन में दहशत के साये में 795 छात्राएं घुट रही थीं। एसडीएम ने तत्काल छात्राओं को बाहर निकाला और भवन को पूरी तरह खाली छोड़ने के निर्देश दिए।

उत्तराखंड में इन दिनों हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। बारिश और खराब बिजली व्यवस्था के चलते कई बच्चों की जिंदगी खतरे में है। हल्द्वानी के एक स्कूल की जर्जर व्यवस्था जब सामने आई तो सभी के होश उड़ गए। राजकीय बालिका इंटर कॉलेज धौलाखेड़ा के जर्जर भवन को निष्प्रयोज्य घोषित करने के बावजूद वहां कक्षाएं चल रही थीं।

यह भी पढ़ें -  😱 “अब राजनीति नहीं, राम भजन करें हरीश रावत!” — मंत्री सुबोध उनियाल का तीखा पलटवार, बोले “मेरा दुष्टों से कभी साथ नहीं रहा” 🔥🕉️

छत से न केवल पानी टपक रहा था, बल्कि जगह-जगह से छत व दीवारें टूटकर गिर रही थीं। गीली दीवारों पर करंट फैल रहा था। इस खंडहर भवन में दहशत के साये में 795 छात्राएं घुट रही थीं। सोमवार को जैसे ही एसडीएम मनीष सिंह मौके पर पहुंचे तो चौंक गए। तत्काल छात्राओं को बाहर निकाला और भवन को पूरी तरह खाली छोड़ने के निर्देश दिए।

विद्यालय का निरीक्षण करने पहुंचे थे एसडीएम

एसडीएम विद्यालय का निरीक्षण करने पहुंचे हुए थे। उन्होंने देखा कि खंडहर हो चुके भवन में छात्राएं बैठी हुई थीं। पठन-पाठन भी चल रहा था। कभी भी बड़ा हादसा होने के खतरे के बीच एसडीएम ने तत्काल छात्राओं को बाहर निकाला। खंड शिक्षा अधिकारी हरेंद्र मिश्रा को निर्देशित किया कि निष्प्रयोज्य भवन को पूरी तरह खाली करा दिया जाए। इसमें किसी तरह की गतिविधि न हो।

यह भी पढ़ें -  😱 “नाम बदला, पहचान बदली... और प्यार के नाम पर धोखा!” — उत्तराखंड में फिर सामने आया लव जिहाद का सनसनीखेज मामला, होटल में मचा हंगामा 💥

बगल में बने आठ कमरों में दो पालियों में चलें कक्षाएं

एसडीएम ने परिसर में ही बने आठ कमरों में कक्षाएं चलाने के निर्देश दिए। छात्राओं की संख्या अधिक होने पर कक्षाएं दो पालियों में चलाने के निर्देश दिए। एसडीएम यूपीसीएल के अधिशासी अभियंता को भी पत्र लिखा है कि विद्यालय में करंट फैलने की शिकायत है। विद्युत वायरिंग की जांच कर सुरक्षात्मक कार्यवाही की जाए।