तुर्की और सीरिया में आए भूकंप के बाद मरने वालों की तादाद बढ़ती ही जा रही है. दोनों देशों में मिलाकर अब तक 24 हजार से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. मलबा हटाने का काम अब भी जारी है. मरने वालों का आंकड़ा और बढ़ सकता है.
हड्डियां गला देने वाली ठंड के बीच तुर्की और सीरिया में भूकंप प्रभावितों को रेस्क्यू करने का काम जारी है. लेकिन जैसे-जैसे इमारतों का मलबा हटाया जा रहा है, मरने वालों का आंकड़ा भी बढ़ता ही जा रहा है. न्यूज एजेंसी AP के मुताबिक एक दिन पहले तक मृतकों का जो आंकड़ा 22 हजार पर था, वो अब बढ़कर 24 हजार को भी पार कर गया है. इतने पर भी अभी मृतकों की संख्या में लगाम नहीं लगा है.
रेस्क्यू ऑपरेशन के आगे बढ़ने के साथ-साथ मरने वालों की तादाद में भी इजाफा होता जा रहा है. कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि भूकंप के कारण जान गंवाने वालों की संख्या इससे कहीं ज्यादा हो सकती है. इस वक्त हजारों लोग भूकंप प्रभावित इलाकों में अस्पताल में भर्ती हैं. अब भी कई लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है. बता दें कि तुर्की में 6 फरवरी की सुबह भूकंप आया था, यानी इसे अब तक 5 दिन बीत चुके हैं.
भूकंप की मार झेल रहे तुर्की और सीरिया की मदद के लिए कई देश आगे आए हैं. भारत ने मेडिकल टीम के साथ ही NDRF की टीमों को भी तुर्की पहुंचा दिया है तो वहीं भारत के अलावा कई देशों ने मदद भेजी है. वर्ल्ड बैंक ने तुर्की को 1.78 बिलियन डॉलर देने का ऐलान किया है. वहीं, अमेरिका ने तुर्की और सीरिया की मदद के लिए 85 मिलियन डॉलर की सहायता की घोषणा की है.
भारत: NDRF की टीम भेजी, फील्ड हॉस्पिटल बनाया
इस कठिन वक्त में तुर्की की मदद के लिए आगे आते हुए भारत ने ‘ऑपरेशन दोस्त’ नाम से एक मिशन ही लॉन्च कर दिया है, जिसका मकसद भूकंप की मार झेल रहे तुर्की को मदद मुहैया कराना है. भारत ने NDRF की 3 टीमों को रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल होने के लिए तुर्की भेजा है. इसके साथ ही भारतीय सेना की एक मेडिकल टीम भी इस वक्त तुर्की में ही है. भारतीय सेना ने हताए शहर में फील्ड हॉस्पिटल बनाया है. जहां लगातार घायलों का इलाज किया जा रहा है.
तुर्की में 1-2 नहीं भूकंप के 5 झटके झेले
तुर्की में भूकंप का पहला झटका 6 फरवरी की सुबह 4.17 बजे आया. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 7.8 मैग्नीट्यूड थी. भूकंप का केंद्र दक्षिणी तुर्की का गाजियांटेप था. इससे पहले की लोग इससे संभल पाते कुछ देर बाद ही भूकंप का एक और झटका आया, रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.4 मैग्नीट्यूड थी. भूकंप के झटकों का यह दौर यहीं नहीं रुका. इसके बाद 6.5 तीव्रता का एक और झटका लगा.
भूकंप के इन झटकों ने मालाटया, सनलीउर्फा, ओस्मानिए और दियारबाकिर सहित 11 प्रांतों में तबाही मचा दी. शाम 4 बजे भूकंप का एक और यानी चौथा झटका आया. बताया जा रहा है कि इस झटके ने ही सबसे ज्यादा तबाही मचाई. इसके ठीक डेढ़ घंटे बाद शाम 5.30 बजे भूकंप का 5वां झटका आया.
1999 में हुई थी 18 हजार लोगों की मौत
तुर्की की भौगोलिक स्थिति के चलते यहां अक्सर भूकंप आते रहते हैं. 1999 में आए भूकंप में 18,000 लोगों की मौत हो गई थी. वहीं अक्टूबर 2011 में आए भूकंप में 600 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी. बता दें कि सीमावर्ती सीरिया में भी भूकंप ने तबाही मचाई, जिसकी खौफनाक तस्वीरें सामने आईं.