चंपावत जिले की तरकुली ग्राम पंचायत में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दौरान ईमानदारी और पारदर्शिता की अनूठी मिसाल देखने को मिली। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के विधानसभा क्षेत्र में ग्राम प्रधान पद के लिए काजल बिष्ट और सुमित के बीच मुकाबला हुआ। मतगणना के बाद सुमित को 106, जबकि काजल बिष्ट को 103 वोट मिले—यानी सुमित 3 वोटों से जीते। लेकिन चुनाव अधिकारियों की गलती से काजल बिष्ट को विजेता घोषित कर दिया गया।
जीत का प्रमाण पत्र मिलने से पहले काजल बिष्ट ने अधिकारियों को सही सूचना दी कि उनके वोट कम हैं, इसलिए वह प्रमाण पत्र नहीं ले सकतीं। उनके इस ईमानदार कदम की क्षेत्र में ही नहीं, सोशल मीडिया पर भी खूब सराहना हो रही है। अब यहां दोबारा मतगणना की प्रक्रिया कराई जा रही है, ताकि असली विजेता को प्रधान पद मिले। यह घटना न सिर्फ चुनावी प्रबंधन के प्रति जागरूकता बढ़ाती है, बल्कि काजल बिष्ट की सत्यनिष्ठा की मिसाल भी पेश करती है।



