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सावन के महीने में पूजा-अनुष्ठान करने वाले भक्त खाने-पीने में भी नियमों का पालन करते हैं. इस महीने में खाने-पीने का बहुत ध्यान रखा जाता है. ऐसी बहुत सी चीजें होती हैं, जो सावन में छोड़ दी जाती हैं.

सावन के महीने की शुरुआत हो चुकी है. यह महीना हिंदू-रीति रिवाजों में धार्मिक महत्व रखता है. विशेष रूप से भगवान शिव के भक्तों के लिए यह महीना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है. इस महीने में खाने-पीने का बहुत ध्यान रखा जाता है. ऐसी बहुत सी चीजें होती हैं जो सावन में छोड़ दी जाती हैं. लोगों को इस महीने में मांसाहार और प्याज-लहसुन त्यागकर सात्विक भोजन करने की सलाह दी जाती है. यह सब त्यागने के अलावा शास्त्रों में सावन में साग, दही और कढ़ी त्यागने के लिए भी कहा जाता है. इसके धार्मिक और वैज्ञानिक कारण होते हैं.

आज हम आपको यही बताएंगे की सावन के दौरान दही, दूध और साग क्यों नहीं खाना चाहिए.

क्या है धार्मिक कारण? 

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माना जाता है कि सात्विक भोजन खाने से शुद्धता और आध्यात्मिकता बढ़ती है. सात्विक भोजन ताजा और हल्का होता है. कढ़ी और साग बेशक पौष्टिक होते हैं लेकिन इन्हें बनाने के तरीकों के कारण यह सात्विक सिद्धांतों पर खरे नहीं उतरते हैं.

इसके अलावा दावा किया जाता है कि भगवान शिव को प्रकृति और प्राकृतिक चीजों से बहुत प्यार है. तभी उन पर भांग के पत्तों से लेकर बेल पत्र तक अर्पित किए जाते हैं.  दूध और दही से शिवलिंग का अभिषेक किया जाता है. ऐसे में पंडितों का कहना है कि हम जिन चीजों से भगवान शिव की आराधना करते हैं उन्हें फिर आहार के रूप में खाना गलत है. ऐसे में सावन में साग, दूध और दही का सेवन नहीं करना चाहिए.

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क्या है वैज्ञानिक कारण? 

सावन का महीना लगते हैं हल्की-हल्की बरसात शुरु हो जाती है, जिसकी वजह से पर्यावरण में जीव-जंतु, कीटाणु और विषाणुओं का प्रकोप भी बढ़ जाता है. हम सभी जानते हैं कि दही बैक्टीरिया से ही बनता है. ऐसे में इसका परहेज किया जाता है क्योंकि यह तामसिक गुणों से जुड़ा होता है.

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आयुर्वेद के अनुसार, तामसिक भोजन सुस्ती पैदा कर सकता है. इसके साथ ही दही खाने से सर्दी-जुकाम और खांसी की भी समस्या हो सकती है. इस कारण भक्तों का आध्यात्मिक अभ्यास भी बाधित होता है.

पत्तेदार सब्जियों में भी कीड़े-मकौड़े भी पाए जाते हैं, जिससे पत्ते दूषित होते हैं. इन्हीं पत्तों का सेवन पशु करते हैं जो हमें दूध देते हैं. इसके चलते सावन महीने में डेरी प्रोजेक्ट्स जैसे दूध, पनीर वगैरह का सेवन वर्जित है.