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नवंबर मध्य में उत्तराखंड के 102 नगर निकायों में चुनाव आयोजित होने की संभावना है। 30 अगस्त को शासन ने नए बोर्ड के गठन तक प्रशासकों के कार्यकाल बढ़ा दिया था।

उत्तराखंड में नगर निकाय चुनाव की तैयारी सरकार ने तेज कर दी है। परिसीमन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और अक्टूबर मध्य तक ओबीसी आरक्षण और 11 निकायों में मतदाता सूचियों का पुनरीक्षण किया जाएगा। नवंबर मध्य तक राज्य के 105 में से 102 नगर निकायों में चुनाव कराए जाने की योजना है, जबकि तीन निकायों में चुनाव नहीं होंगे (बदरीनाथ, केदारनाथ और गंगोत्री इन तीनो नगर पंचायतों में चुनाव नहीं होते)। नगर निकायों का कार्यकाल 2 दिसंबर को समाप्त होने के बाद चुनाव की स्थिति न बन पाने पर उन्हें छह माह के लिए प्रशासकों के हवाले कर दिया गया था। जब चुनाव नहीं हुए तो प्रशासकों का कार्यकाल तीन माह बढ़ा दिया गया। 30 अगस्त को शासन ने नए बोर्ड के गठन तक प्रशासकों का कार्यकाल और बढ़ा दिया।

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हाईकोर्ट में ओबीसी आरक्षण निर्धारण मामला विचाराधीन

निकाय चुनाव से संबंधित मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है। शासन ने पहले कोर्ट को बताया था कि 25 अक्टूबर तक चुनाव होंगे लेकिन अब ऐसा संभव नहीं लग रहा है। इसका कारण यह है कि ओबीसी आरक्षण निर्धारण का मामला विधानसभा की प्रवर समिति के पास है जो 23 सितंबर तक अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। राज्य निर्वाचन आयोग ने 11 निकायों में मतदाता सूचियों के विशेष पुनरीक्षण के लिए 16 अक्टूबर तक का समय तय किया है। ओबीसी आरक्षण पर प्रवर समिति की रिपोर्ट भी इसी अवधि तक अपेक्षित है। इन परिस्थितियों को देखते हुए, सरकार निकाय चुनावों की त्वरित प्रक्रिया की ओर अग्रसर है और नवंबर मध्य तक चुनाव कराने की योजना बनाई जा रही है। अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि अक्टूबर मध्य तक सभी लंबित प्रक्रियाएं पूरी कर ली जाएं।

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राज्य में नगर निकायों की संख्या इस प्रकार है:

नगर निगम: 11

नगर पालिका परिषद: 45

नगर पंचायत: 49