उत्तराखंड में हर साल इस मौसम में जंगल में आग लगने की घटनाएं होती रहती हैं, जिस कारण वन विभाग को लाखों रुपये का नुकसान होता है। वन संपदा के साथ जड़ी-बूटियां भी जलकर नष्ट हो जाती हैं।
साथ ही वन्य जीवों की भी हानि होती है। इसको ध्यान में देखते हुए वन विभाग अलर्ट मोड पर है।
इस साल बारिश कम होने की वजह से वातावरण में नमी कम है। ऐसे में जंगल में आग लगने की घटनाओं को रोकना वन विभाग के लिए चुनौती बन सकता है। पिछले वर्ष जंगल में आग लगने की 35 घटनाएं हुई थीं।
वन मंत्री सुबोध उनियाल का कहना है कि जंगल में आग की घटनाओं को रोकने के लिए आम जनता की सहभागिता जरूरी है। उन्होंने कहा, “हमने प्रथम चरण में 72 गांव में ग्राम प्रधान की अध्यक्षता में वन अग्नि ग्राम प्रबंधन समिति बनाई है, जो वनों की मॉनिटरिंग करने का काम करेगी और एसी घटनाओं पर अंकुश लगाने में मददगार साबित होगी। साथ ही, विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने क्षेत्र की निगरानी करते रहें।”