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हल्द्वानी,

छात्रसंघ चुनाव में कुमाऊं के सबसे बड़े एमबीपीजी कॉलेज में पहली बार छात्रा ने अध्यक्ष पद पर जीत दर्ज कर इतिहास रच दिया है। जिले के दस महाविद्यालयों में से छह पर निर्दलीय प्रत्याशी जीत दर्ज करने में सफल रहे जबकि तीन सीटें एबीवीपी के हिस्से में आईं। एकमात्र एलबीएस महाविद्यालय हल्दूचौड़ में एनएसयूआई प्रत्याशी ने जीत दर्ज की है।

कोविड के कारण दो साल तक छात्रसंघ के चुनाव नहीं हो पाए। शनिवार को एमबीपीजी कॉलेज में छात्रसंघ चुनाव हुए और छात्रों की सरकार बनी। चुनाव के दौरान दिनभर हंगामा होता रहा। पुलिस और प्रत्याशियों के समर्थकों की बीच कई बार तीखी नोकझोंक हुई। पुलिस ने लाठियां भी भांजी। रात करीब 12 बजे छात्रसंघ चुनाव के परिणाम घोषित हुए। इसमें निर्दलीय छात्रसंघ अध्यक्ष प्रत्याशी रश्मि लमगड़िया ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के अध्यक्ष प्रत्याशी कौशल बिरखानी को 1294 मतों से पराजित कर शानदार जीत हासिल की। वह पहली ऐसी छात्रा हैं, जो अध्यक्ष बनी हैं। पहली बार जीत के तुरंत बाद छात्रसंघ के जीते प्रत्याशियों को शपथ दिलाई गई। प्राचार्य डॉ. एनएस बनकोटी ने छात्रसंघ प्रत्याशियों को शपथ दिलाई।

सुबह नौ बजे मतदान शुरू हुआ। मतदान को लेकर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रही। दिन में दो बजे तक विद्यार्थियों ने मतदान किया। 73 प्रत्याशियों की 10 मतदान केंद्रों पर 15 चरणों में शाम चार बजे मतगणना शुरू हुई। रात 12 बजे मतगणना पूरी हो सकी। एनएसयूआई के अध्यक्ष प्रत्याशी सूरज भट्ट को 470 मत मिले। निर्दलीय अध्यक्ष प्रत्याशी अरहम रजा को मात्र 42 वोट मिले। सचिव पद पर निहित नेगी 2702, उपाध्यक्ष पद पर गौरव सम्मल 3113 मत पाकर छात्रसंघ के लिए निर्वाचित हुए। वहीं छात्रा उपाध्यक्ष में गीता कुंवर निर्विरोध चुनीं गईं।

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एमबीपीजी कॉलेज हल्द्वानी में रश्मि लमगड़िया ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कौशल बिरखानी को भारी मतों के अंतर से हराया। टिकट न मिलने पर रश्मि ने एबीवीपी से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ा था। तीसरे स्थान पर एनएसयूआई प्रत्याशी सूरज भट्ट रहे। ….. महिला महाविद्यालय में एबीवीपी की शिवानी एनएसयूआई की रिंकी को हराकर अध्यक्ष पद काबिज हुईं।

डीएसबी परिसर नैनीताल में निर्दलीय शुभम बिष्ट 1192 वोट लाकर विजयी घोषित हुए जबकि एबीवीपी से बागी होकर निर्दलीय तौर पर चुनाव लड़ रहे शुभम कुमार को 804 वोट मिले। यहां एबीवीपी के प्रत्याशी मोहित पंत 758 मत लाकर तीसरे स्थान पर रहे।
रामनगर में एबीवीपी के आशीष मेहरा 1610 वोट लाकर विजयी हुए। उन्होंने एनएसयूआई के योगेश रावत को 755 मतों से हराया। योगेश को 855 मत मिले। पतलोट में एबीवीपी के गणेश सिंह निर्विरोध अध्यक्ष चुने गए। मालधनचौड़ में सभी पदों पर निर्विरोध निर्वाचन हुआ।

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लाल बहादुर शास्त्री महाविद्यालय हल्दूचौड़ में एनएसयूआई के विजय सामंत ने एबीवीपी के अनिल बेलवाल को 129 मतों से पराजित किया। विजय को 558 और अनिल बेलवाल को 429 मत मिले। कोटाबाग में निर्दलीय विनोद सनवाल ने एबीवीपी की निशा बोरा को हराया। बेतालघाट में निर्दलीय मनमोहित पंत (123 मत) ने एबीवीपी की कुसुम (110 मत) को, दोषापानी में निर्दलीय विकास कुमार (124 मत) नेे एबीवीपी की रश्मि (62 मत) को पराजित किया। मालधनचौड़ में निर्दलीय हेमंत कुमार निर्विरोध अध्यक्ष चुने गए।

एमबीपीजी में मत प्रतिशत बढ़ा

महाविद्यालय में मतदान के लिए 11266 विद्यार्थी पंजीकृत थे। इसमें 5149 छात्र और 6117 छात्राएं शामिल रहीं। 40.93 प्रतिशत विद्यार्थियों ने मतदान किया। कुुल 4612 छात्रों ने मतदान किया। वर्ष 2019 में 35 प्रतिशत वोटिंग हुई। दो वर्ष बाद छात्रसंघ चुनाव में इस बार मतदाताओं की संख्या अधिक रही। विद्यार्थियों में मतदान को लेकर उत्साह रहा। चुनाव में छात्रों का मतदान प्रतिशत छात्राओं के मुकाबले अधिक रहा। 47.17 प्रतिशत छात्रों और 35.68 प्रतिशत छात्राओं ने अपने मत का प्रयोग किया।

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संगठनों के प्रत्याशियों पर निर्दलीय रश्मि पड़ी भारी
एमबीपीजी कॉलेज में संगठनों के प्रत्याशियों पर निर्दलीय उम्मीदवार भारी पड़ीं। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के अध्यक्ष प्रत्याशी कौशल बिरखानी और एनएसयूआई के अध्यक्ष प्रत्याशी सूरज भट्ट पर निर्दलीय प्रत्याशी रश्मि लमगड़िया भारी पड़ी। उन्होंने दोनों प्रत्याशियों को मात देकर मैदान फतह किया।

रश्मि की जीत ने बढ़ाया छात्राओं का हौसला
एमबीपीजी कॉलेज में छात्रसंघ अध्यक्ष बनी रश्मि लमगड़िया की जीत ने छात्राओं का हौसला बढ़ा दिया है। वह महाविद्यालय की पहली ऐसी छात्रा हैं, जिन्होंने छात्रसंघ की कुर्सी पर अपना अधिकार जमाया है। उनकी जीत ने महाविद्यालय की छात्राओं का हौसला बढ़ा दिया है। उनकी जीत ने छात्राओं में एक नई ऊर्जा का संचार कर दिया है।

पिता से मिली राजनीति में आने की प्रेरणा: रश्मि
एमबीपीजी कॉलेज में छात्रसंघ अध्यक्ष बनी रश्मि लमगड़िया ने कहा कि पिता रोशन लमगड़िया से उन्हें राजनीति में आने की प्रेरणा मिली, जब वह कक्षा नौ की छात्रा थीं। तभी से राजनीति में आने का मन बना लिया था। उन्होंने कहा कि आगे चलकर वह राजनीति के क्षेत्र में भविष्य बनाना चाहती हैं। उन्होंने अपनी जीत का श्रेय सभी छात्र-छात्राओं को दिया है।

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