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हादसे के बाद शासन ने प्रथम दृष्टया मामले में लापरवाही बरतने पर वन संरक्षक उत्तरी कुमाऊं कोको रोसो और डीएफओ सिविल सोयम ध्रुव सिंह मार्तोलिया को निलंबित कर दिया था।

कुमाऊं के बिनसर अभयारण्य में 13 जून को चार वनकर्मियों की जंगल की आग से मौत और चार के झुलसने के मामले में निलंबित चल रहे वन संरक्षक और डीएफओ को जुलाई में शासन को सौंपी गई जांच रिपोर्ट के बाद अब बहाल कर दिया गया है। शासन के मुताबिक, यह घटना आकस्मिक दुर्घटना थी।

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हादसे के बाद शासन ने प्रथम दृष्टया मामले में लापरवाही बरतने पर वन संरक्षक उत्तरी कुमाऊं कोको रोसो और डीएफओ सिविल सोयम ध्रुव सिंह मार्तोलिया को निलंबित कर दिया था। मामले की जांच प्रमुख वन संरक्षक धनंजय मोहन को सौंपी गई थी। प्रमुख वन संरक्षक ने जांच को जुलाई में शासन को सौंप दिया था।

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अब शासन ने दोनों निलंबित अफसरों को सवेतन सेवा में बहाल कर दिया है। उप सचिव सत्यप्रकाश के जारी आदेश में कहा गया कि प्रमुख वन संरक्षक की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में कहा गया कि प्रश्नगत घटना जजमेंट एरर होने से आकस्मिक दुर्घटना थी, ऐसे में प्रारंभिक जांच पर वन संरक्षक कोको रोसो को उत्तरी कुमाऊं के पद पर पुन: तैनात किया गया है।

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वहीं, ध्रुव सिंह मर्तोलिया को बागेश्वर डीएफओ की जिम्मेदारी सौंपी गई है। उधर, इस मामले में तत्कालीन मुख्य वन संरक्षक कुमाऊं प्रसन्न पात्रो को वन मुख्यालय से अटैच किया गया था। बाद में शासन ने जायका परियोजना के सीईओ पद की जिम्मेदारी सौंपी।

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