कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष पुष्कर दानू के नेतृत्व में जिलाधिकारी को ज्ञापन प्रेषित करने और मीडिया में लगाए गए आरोपों के बाद,
वनाधिकार समिति बिंदुखत्ता ने आपातकालीन बैठक आयोजित की। बैठक में सर्वसम्मति से कांग्रेस के आरोपों की निंदा की गई और प्रस्तावित जनकल्याणकारी कार्यों, जैसे परिवार रजिस्टर बैठक/प्रशिक्षण और समाज कल्याण आवेदनों के सत्यापन के अलावा बिंदुखत्ता राजस्व ग्राम की अधिसूचना हेतु हस्ताक्षर अभियान और सोशल मीडिया मुहिम को और अधिक मजबूती से संचालित करने का निर्णय लिया गया।
समिति ने जानकारी दी कि उन्होंने वन अधिकार अधिनियम (FRA) की धारा 3.1.ज के तहत राजस्व ग्राम का दावा किया है, जो पिछले छह माह से शासन स्तर पर लंबित है। समिति के सदस्यों ने आरोप लगाया कि जो लोग खुद सत्ता में रहते हुए राजस्व ग्राम के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा पाए, वे अब समिति द्वारा चलाई जा रही सोशल मीडिया मुहिम और व्यापक हस्ताक्षर अभियान को कमजोर करने के लिए “वन ग्राम” की अफवाह फैला रहे हैं। यह सरासर गलत है।
समिति ने यह भी स्पष्ट किया कि जब तक राजस्व ग्राम की अधिसूचना जारी नहीं होती, सभी कार्य वन पंचायत के नाम से ही संचालित किए जाएंगे।
समिति के सदस्यों ने बताया कि वे स्वयं के संसाधनों से राजस्व ग्राम की अधिसूचना जारी करवाने के लिए देहरादून सचिवालय और जनकल्याणकारी योजनाओं के लिए डीएम कार्यालय नैनीताल के चक्कर लगाने को मजबूर हैं। ऐसे में कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष के आरोप उनके मनोबल को गिराने और अभियान को विफल करने का प्रयास हैं, जिसे समिति सफल नहीं होने देगी। यदि निकट भविष्य में कोई भी व्यक्ति और संगठन इस तरह के निरर्थक आरोप लगाते हैं तो वन अधिकार समिति मान हानि का दावा करेगी।
बैठक में अध्यक्ष अर्जुन नाथ गोस्वामी, सचिव भुवन भट्ट, सदस्य उमेश भट्ट, गोविंद बोरा, कै चंचल कोरंगा, राम सिंह पपोला, कुन्दन चुफाल, डॉ. ललित जोशी, हरेंद्र बिष्ट, कविराज धामी, कमलेश बिष्ट, रमेश कार्की, नन्दन बोरा, बलवंत बिष्ट, देवेंद्र बिष्ट, प्रताप कोश्यारी, गणेश कांडपाल और किशन गिरी, जीवन खर्कवाल, महेश जोशी सहित अन्य सदस्य शामिल हुए। समिति ने जनहित में सभी से सहयोग बनाए रखने की अपील की।