खबर शेयर करें -

उत्तराखंड के खाद्य संरक्षा एवं औषधि नियंत्रक विभाग ने इस अभियान की शुरुआत की है, ताकि देशी घी और मक्खन में मिलावट पर अंकुश लगाया जा सके. त्योहारों के समय में डेयरी उत्पादों, खासकर घी और मक्खन की मांग बढ़ जाती है, जिसका फायदा उठाकर कुछ विक्रेता मिलावटी उत्पाद बेचते हैं.

उत्तराखंड की धामी सरकार राज्य में मिलावटी देशी घी और मक्खन की बिक्री पर सख्त कार्रवाई करने जा रही है. सरकार ने पूरे प्रदेश में एक साथ व्यापक छापेमारी अभियान की शुरुआत कर दी है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के निर्देशानुसार यह अभियान प्रदेशभर में संचालित किया जा रहा है. इसका उद्देश्य लोगों को सुरक्षित और मिलावट रहित खाद्य सामग्री उपलब्ध कराना है. विशेष रूप से त्योहारों के मौसम में जब मिठाइयों और डेयरी उत्पादों की खपत बढ़ जाती है.

उत्तराखंड के खाद्य संरक्षा एवं औषधि नियंत्रक विभाग ने इस अभियान की शुरुआत की है, ताकि देशी घी और मक्खन में मिलावट पर अंकुश लगाया जा सके. त्योहारों के समय में डेयरी उत्पादों, खासकर घी और मक्खन की मांग बढ़ जाती है, जिसका फायदा उठाकर कुछ विक्रेता मिलावटी उत्पाद बेचते हैं. यह अभियान राज्य के सभी जिलों में समान रूप से संचालित किया जा रहा है, जहां मिठाई की दुकानों और डेयरी उत्पाद बेचने वाले विक्रेताओं के प्रतिष्ठानों से सैंपल एकत्र किए जा रहे हैं.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का योगदान

यह भी पढ़ें -  उत्तराखंड में फिर सड़क हादसा, पिथौरागढ़-घाट मार्ग पर गहरी खाई में गिरी बाइक, युवक की मौत

इस अभियान को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का भी समर्थन प्राप्त है. मंत्रालय ने सभी राज्यों को निर्देश दिया है कि वे घी और मिठाइयों का सैंपल लेकर जांच करें. इसके तहत उत्तराखंड में भी बाजार में उपलब्ध विभिन्न ब्रांडों के देशी घी और मक्खन के नमूने लिए जा रहे हैं. स्वास्थ्य सचिव और खाद्य आयुक्त डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा कि मिलावटी घी और मक्खन बेचने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. यह सुनिश्चित किया जाएगा कि राज्य में बिकने वाले सभी उत्पाद शुद्ध और स्वास्थ्यकर हों.

विभिन्न कंपनियों के घी और मक्खन के सैंपल लिए गए

अपर खाद्य आयुक्त ताजबर जग्गी ने बताया कि मिलावट पर अंकुश लगाने के लिए प्रदेशव्यापी छापेमारी का आदेश सभी जिलों में दिया गया है. इसके तहत, मिठाई की दुकानों और डेयरी उत्पाद बेचने वाले प्रतिष्ठानों पर सघन निरीक्षण किया जा रहा है. कई प्रमुख ब्रांडों के देशी घी और मक्खन के नमूने एकत्र किए गए हैं. इन नमूनों को परीक्षण के लिए प्रयोगशाला भेजा गया है और परीक्षण रिपोर्ट आने के बाद आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

यह भी पढ़ें -  अल्मोड़ा ततैयों के काटने से महिला की मौत, दहशत में ग्रामीण

अभियान का नेतृत्व मण्डल के उपायुक्त और जनपदीय अभिहित अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है. अभियान के दौरान, वरिष्ठ खाद्य सुरक्षा अधिकारी और अन्य अधिकारियों की टीम राज्यभर में स्थित विनिर्माण इकाइयों और भंडारण प्रतिष्ठानों का निरीक्षण कर रही है. यह टीम स्थानीय और विभिन्न ब्रांडों के घी और मक्खन के विधिक और सर्विलांस नमूनों का संग्रहण कर रही है.

देहरादून में छापेमारी का विवरण

गढ़वाल मंडल में डिप्टी कमिश्नर आर.एस. रावत के नेतृत्व में देहरादून जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में छापेमारी अभियान चलाया गया. टीम ने देहरादून के शहरी इलाकों के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों जैसे हरबर्टपुर, सहसपुर, और सुद्धोवाला में भी सघन निरीक्षण किया. कई दुकानों से देशी घी और मक्खन के नमूने एकत्र किए गए, जिन्हें परीक्षण के लिए लैब भेजा गया. छापेमारी टीम में सीनियर एफएसओ रमेश सिंह, संतोष सिंह, संजय तिवारी और डीओ मनीष सिंह शामिल थे.

यह भी पढ़ें -  लालकुआं-आनंद विहार और लालकुआं-अमृतसर ट्रेन दिसंबर से फरवरी तक रहेगी निरस्त

कुमाऊं मंडल में भी व्यापक अभियान

कुमाऊं मंडल में भी इस अभियान को बड़े पैमाने पर चलाया जा रहा है. उपायुक्त अनोज कुमार थपलियाल के नेतृत्व में हल्द्वानी क्षेत्र में मिलावटी घी और मक्खन की बिक्री पर अंकुश लगाने के लिए निरीक्षण अभियान चलाया गया. टीम ने हल्द्वानी के प्रमुख थोक विक्रेताओं और वितरकों के प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया और विभिन्न ब्रांडों के नमूने एकत्र किए. मंगल पड़ाव, कालाढूंगी रोड, और रामपुर रोड पर स्थित प्रतिष्ठानों से घी के नमूने लिए गए. प्रमुख ब्रांड जैसे पारस, पहलवान, मदर डेयरी और हेल्थ मेड देसी घी के कुल चार नमूने संग्रहित किए गए. इसके अलावा, नोवा ब्रांड स्किम्ड मिल्क पाउडर का भी एक नमूना जांच के लिए लिया गया.