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ग्राम पंचायत विकास अधिकारी (वीपीडीओ) भर्ती धांधली में आरोपी हाकम सिंह रावत और संजीव चौहान की जमानत के खिलाफ एसटीएफ हाईकोर्ट में अपील करेगी। अपर जिला एवं सत्र न्यायालय देहरादून ने तीन जनवरी को दोनों की जमानत मंजूर की थी।

वीपीडीओ भर्ती धांधली में जनवरी 2020 में विजिलेंस ने मुकदमा दर्ज किया था। लेकिन, अक्तूबर 2022 तक किसी भी आरोपी को नामजद नहीं किया था। इस दौरान एसटीएफ भी अन्य भर्तियों में धांधली की जांच कर रही थी।

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लिहाजा वीपीडीओ भर्ती धांधली की जांच भी विजिलेंस से हटाकर एसटीएफ को सौंप दी गई थी। मामले में एसटीएफ ने आठ अक्तूबर को उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के पूर्व अध्यक्ष आरबीएस रावत, पूर्व सचिव एमएस कन्याल और पूर्व परीक्षा नियंत्रक आरएस पोखरिया को गिरफ्तार किया था।

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एसटीएफ ने स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में पहले से जेल में बंद हाकम सिंह रावत और आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशन के मालिक के भाई संजीव चौहान को भी आरोपी बनाया था। लेकिन, 30 जनवरी को अपर जिला एवं सत्र न्यायालय ने दोनों को जमानत दे दी।

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एडीजी कानून व्यवस्था वी मुरुगेशन का कहना है कि एसटीएफ की ओर से प्रभावी पैरवी के बाद भी आरोपियों को जमानत मिल गई है। ऐसे में अब एसटीएफ जमानत रद्द कराने के लिए हाईकोर्ट जाएगी। जैसे ही कोर्ट का आदेश मिलता है, जमानत रद्द करवाने के लिए कार्रवाई की जाएगी। दोनों आरोपी अन्य मामलों में फिलहाल जेल में ही रहेंगे।