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स्थानीय लोगों ने वन विभाग के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए जाम लगाया. लोगों ने गुलदार के हमले में दो बच्चों के मौत के पीछे वन विभाग की लापरवाही बताई. प्रमुख वन संरक्षक ने आदमखोर गुलदार को पिंजरे में पकड़ने और ट्रेंकुलाइज करने में असफल रहने पर उसे मारने की इजाजत दे दी है.

पौड़ी के श्रीनगर में गुलदार के हमले में 24 घंटे के भीतर दो बच्चों की मौत के बाद वन विभाग के खिलाफ लोगों का आक्रोश बढ़ गया है. सोमवार को गुस्साए स्थानीय लोगों ने बुगाड़ी रोड को जाम कर दिया और वन विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. लोगों ने आरोप लगाया कि स्थानीय लोग कई बार इलाके में गुलदार होने की सूचना वन विभाग को दे चुके हैं. लोगों ने इलाके में पिंजरा लगाने की मांग भी की. लेकिन विभाग लापरवाह बना रहा. लोगों ने करीब 2 घंटे तक रोड को बंद रखा. स्थानीय निवासी शांति चौधरी ने कहा कि वन विभाग की गलती के कारण 24 घंटे के भीतर दो बच्चों की जान चली गई. लोगों ने विभाग को इलाके में गुलदारों के होने की जानकारी दी थी. वहीं, लोगों को समझाने पहुंचे श्रीनगर नायब तहसीलदार ने बताया कि इलाके में झाड़ी काटने और स्ट्रीट लाइट लगवाने के आदेश दे दिए गए हैं. मृतक बच्चे के परिजनों को 6 लाख में से प्रथम राहत में 1 लाख 80 हजार रुपये की सहायता राशि वन विभाग की तरफ से दे दी गई है.

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नागदेव रेंज के रेंजर ललित मोहन नेगी ने बताया कि अब तक श्रीनगर के विभिन्न इलाकों से मिली जानकारी के मुताबिक क्षेत्र में 12 से अधिक गुलदार होने की सूचना है. इसलिए लोगों को सचेत रहने के लिए जागरूक किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि रात के समय बाहर ना निकले. बुजुर्गों और बच्चे को रात के समय अकेले बाहर ना जाने दें. गुलदारों को पकड़ने के लिए विभाग उचित कार्रवाई कर रहा है. वहीं, प्रमुख वन संरक्षक डॉ. समीर सिन्हा ने आदमखोर गुलदार को पिंजरे में पकड़ने और ट्रेंकुलाइज करने में असफल रहने पर उसे मारने की इजाजत दे दी है.

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खाली पड़े घर में घुसा गुलदार:

बारिश, ठंड और पलायन के कारण खाली पड़े घर में अब जंगली जानवरों का डेरा बनना शुरू हो गया है. सोमवार को पौड़ी ब्लॉक के थपलियाल गांव में ऐसे ही एक खाली पड़े घर में गुलदार धमक गया. गनीमत रही कि गुलदार ने इस बीच किसी को निवाला नहीं बनाया. ग्रामीण सुदर्शन सिंह थपलियाल ने जानकारी देते हुए बताया कि गांव में ही एक खाली पड़े पुराने मकान में गुलदार घुस गया. आसपास के ग्रामीणों ने जब खाली मकान के आस पास गुलदार की चहलकदमी देखी तो गांव में अफरातफरी मच गई.

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जैसे ही गुलदार फिर से कमरे में घुसा, इसी बीच सुदर्शन ने हिम्मत जुटाते हुए कमरे को बाहर से लॉक कर दिया. साथ ही ग्रामीणों ने मामले की सूचना वन विभाग को दी. जिस पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची. टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद गुलदार को कमरे के बाहर निकालकर पिंजरे में कैद कर लिया. पौड़ी रेंज नागदेव के रेंज अधिकारी ललित मोहन नेगी ने बताया कि गुलदार की सूचना पर टीम मौके पर पहुंची और समय रहते उसका रेस्क्यू कर रेंज कार्यालय लाया गया. बताया कि गुलदार युवा और काफी स्वस्थ भी है. जिसे मेडिकल जांच के बाद रेस्क्यू सेंटर भेजा जाएगा.