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अदालत ने शादी के लिए काला जठेड़ी को 12 मार्च को छह घंटे के पेरोल पर रिहा करने का हुक्म दे दिया. शादी के अलावा कोर्ट ने 13 मार्च को भी तीन घंटे के लिए जठेड़ी को पेरोल पर रिहा करने का हुक्म दिया है. ये तीन घंटे की रिहाई जठेड़ी और अनुराधा को गृह प्रवेश के लिए दी गई है.

दालत ने शादी की तारीख और वक्त तय कर दिया. पंडित जी ने मुहूर्त निकाला. मुहूर्त के निकलते ही शादी का कार्ड छप गया. अब बस तिहाड़ जेल से बारात निकलना बाकी है. बारात के मंजिल पर पहुंचते ही एक गैंगस्टर और एक लेडी डॉन की शादी हो जाएगी. ये कोई फिल्मी सीन या कहानी नहीं है, बल्कि हकीकत है. दरअसल, दिल्ली में 12 मार्च को लॉरेंस बिश्नोई गैंग के खास गुर्गे काला जठेड़ी और लेडी डॉन अनुराधा चौधरी की शादी होने जा रही है.

बारात में शामिल होंगे पुलिसवाले
पिछले एक हफ्ते से हरियाणा के जठेड़ी गांव में होने वाली शादी का एक कार्ड और शादी की खबर सोशल मीडिया में तैर रही है. इसकी वजह है कि यह कोई आम शादी नहीं है. एक निराली शादी है. एक गैंगस्टर और लेडी डॉन की शादी. ये वो शादी है, जिसका कार्ड तक अदालत की इजाजत से छपा है. इस शादी में शामिल होने वाले बाकी मेहमानों का तो पता नहीं, लेकिन अदालत के हुक्म के हिसाब से ये तय है कि दुल्हे के साथ बारात का हिस्सा बनकर बहुत सारे पुलिसवाले मंडप तक पहुंचेंगे. वे पुलिसवाले शादी की हर रस्म में शामिल होंगे. इसलिए नहीं कि दुल्हा पुलिसवालों का रिश्तेदार है, बल्कि इसलिए कि शादी के मंडप से कहीं दुल्हा अपनी दुल्हन को लेकर रफू चक्कर ना हो जाए. असल में ये शादी है गैंगस्टर काला जठेड़ी और अनुराधा चौधरी की. इस पूरी कहानी को समझने के लिए अतीत में थोड़ा पीछे जाना होगा.

ऐसे शुरू हुई गैंगस्टर और लेडी डॉन की प्रेम कहानी
बात तीन साल पुरानी है. साल 2021 का था. तब कोरोना ने दुनिया के साथ-साथ अपने देश को भी चपेटे में ले रखा था. इसी दौरान दो लोग पुलिस से बचते बचाते इधर से उधर भाग रहे थे. इनमें से एक था शादी के कार्ड वाला दूल्हा संदीप यानी काला जठेड़ी और दूसरी एके 47 के साथ पोज़ देने वाली और फर्राटेदार इंग्लिश बोलने वाली लेडी डॉन अनुराधा चौधरी. पुलिस के साथ लुकाछुपी का खेल दोनों एक साथ खेल रहे थे. जहां भी जाते एक साथ. जहां रुकते एक साथ. और इसी भागम-भाग ने दोनों को करीब ला दिया. दोनों में प्यार हो गया. अब जब प्यार हुआ तो भागने और छुपने के लिए इन्होंने रोमांटिक जगह की तलाश शुरू कर दी.

सहारनपुर में गिरफ्तारी
फिर क्या था? जा पहुंचे उत्तराखंड. अब उत्तराखंड में कुछ वक़्त वैली ऑफ फ्लावर्स में गुजारी. कभी मसूरी में रहे तो कभी देहरादून में. दोनों एक साथ बहुत खुश थे. कोरोना का लॉक डाउन इन्हें भागने और छुपने में मदद कर रहा था. लेकिन फिर एक रोज़ दोनों जब सहारनपुर के एक ढाबे पर खाना खा रहे थे, तभी दिल्ली पुलिस की एक टीम वहां पहुंच गई और इसके साथ ही काला जठेड़ी और अनुराधा गिरफ्तार कर लिए गए. तो तारीख थी 30 जुलाई 2021.

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तिहाड़ में लॉरेंस ने की मदद
गिरफ्तारी के बाद न्यायिक हिरासत में दोनों को तिहाड़ जेल के अलग-अलग सेल में बंद कर दिया गया. वैसे भी जेल मैनुअल के हिसाब से महिला और पुरुष बंदियों को अलग-अलग रखा जाता है. ये पहली बार था जब दो प्यार करने वाले बिछड़ गए. लेकिन बाद कुछ दिनों की थी. उसी तिहाड़ में बंद लॉरेंस बिश्नोई ने अब अपने खास गुर्गे काला जठेड़ी को उसकी मुहब्बत से मिलाने का फैसला किया. तिहाड़ में हफ्ते में एक दिन पुरुष और महिला बंदियों की मुलाकात कराई जाती है. ये सिलसिला जब किरण बेदी तिहाड़ की डीजी थी, तब शुरू हुआ था.

काला जठेड़ी के माता-पिता की सेवा
फिर एक वक्त आया, जब अनुराधा जमानत पर रिहा हो गई. अब वो आज़ाद थी. इक मुलाकाती के तौर पर तिहाड़ जाकर काला जठेड़ी से मिलने के लिए मुलाकात का ये सिलसिला फिर से चल पड़ा. इसके साथ ही प्यार परवान चढ़ता गया. अब अनुराधा जठेड़ी गांव में जाकर काला जठेड़ी के मां-बाप के साथ उसी के गांव में रहने लगी. उनकी सेवा करने लगी. बिल्कुल एक बहू की तरह. लेकिन कानूनन बहू बनने के लिए जरूरी था कि दोनों शादी कर लें. पर शादी मुमकिन नहीं थी. क्योंकि एक जमानती जिंदगी बाहर गुजार रही थी और दूसरे के तो जुर्म की फेहरिस्त ही इतनी लंबी है कि फिलहाल आने वाले सालों में उसकी रिहाई की कोई उम्मीद ही नहीं है. तो फिर शादी हो कैसे?

शादी करने के लिए अदालत में अर्जी 
फिर अचानक दोनों ने एक रास्ता निकाला. बैचलर इन कंप्यूटर एप्लिकेशन यानी बीसीए कर चुकी अनुराधा जमानत पर बाहर आने के बाद से ही अब कानून की पढ़ाई कर रही है. मकसद साफ है वकील बन कर जठेड़ी की केस में मदद करना. शादी का इरादा दोनों पहले ही कर चुके थे. बात कानूनी रुकावट की थी, तो आने वाले वक़्त की वकील अनुराधा ने इसका हल निकाला. दोनों ने अदालत में शादी करने की अर्जी डाल दी. दोनों के वकील ने अदालत में जबरदस्त दलील दी. दलील ये कि भारतीय संविधान के आर्टिकल 21 के तहत शादी उनका बुनियादी अधिकार है. अगर उन्हें शादी की इजाजत नहीं दी गई, तो ये उनके संवैधानिक अधिकार का उल्लंघन होगा.

अदालत ने तय की तारीख
पुलिस के वकीलों ने भी अपनी तरफ से दलील दी. दोनों पक्षों को सुनने के बाद द्वारका कोर्ट के एडिशनल सेशन जज दीपक वासन ने 1 मार्च को अपना फैसला सुनाया. अदालत ने अनुराधा और काला जठेड़ी की शादी के लिए 12 मार्च की तारीख तय की. कोर्ट ने कहा, 12 मार्च को सुबह दस बजे से शाम के चार बजे तक शादी की तमाम रस्में पूरी हो जानी चाहिए. और इसके लिए काला जठेड़ी को 12 मार्च को यानी उसकी शादी के दिन छह घंटे के पेरोल पर रिहा करने का हुक्म दे दिया.

दो दिन मिलेगी पेरोल
शादी के अलावा कोर्ट ने 13 मार्च को भी तीन घंटे के लिए जठेड़ी को पेरोल पर रिहा करने का हुक्म दिया है. सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक पेरोल पर 13 मार्च को ये तीन घंटे की रिहाई जठेड़ी और अनुराधा को गृह प्रवेश के लिए दी गई है. साथ ही अदालत ने जठेड़ी के पुराने इतिहास को देखते हुए पुलिस को भी ये हुक्म दिया है कि वो अपनी बेस्ट टीम को दोनों दिन जठेड़ी के साथ लगाए, ताकि वो भाग ना जाए. बस फिर क्या था? दूल्हा दुल्हन तो पहले से तैयार बैठे थे. तारीख, वक़्त और मुहुर्त अदालत ने मुकर्रर कर दिया. लिहाजा आनन-फानन में कार्ड भी छप गए.

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11 मार्च को मेहंदी की रस्म
अब काला जठेड़ी के गांव में शादी की तैयारियां भी शुरू हो चुकी थी. लेकिन 3 मार्च को अचानक जठेड़ी के चाचा की मौत हो गई. उनकी तेरहवीं दस को है. लिहाज़ा शादी की तैयारी 11 से शुरू होगी. 11 को मेहंदी है और 12 को बारात. बारात दिल्ली के द्वारका में जाएगी. सूत्रों के मुताबिक शादी में सिर्फ जठेड़ी और अनुराधा के करीबी लोग ही शामिल होंगे. दुश्मनों की लंबी चौड़ी लिस्ट को देखते हुए पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच पहले शादी और फिर गृह प्रवेश की रस्में पूरी होगी.

ऐसे होगी शादी
दिल्ली के द्वारका का में एक बैंक्वेट हॉल है, जहां 12 मार्च को सुबह 10 बजे से शाम के 4 बजे के बीच लॉरेंस बिश्नोई के खासमखास काला जठेड़ी और उसकी गर्लफ्रेंड अनुराधा उर्फ मैडम मिंज की शादी है. अदालत ने 12 मार्च को शादी के लिए बस इसी 6 घंटे की मोहलत दी है. इसी 6 घंटे के दौरान सुबह 10 बजे काला जठेड़ी तिहाड़ से जबरदस्त पुलिस सुरक्षा घेरे के बीच बाहर आएगा और लगभग 12 किलोमीटर दूर शादी के मंडप में पहुंचेगा. शादी की रस्म पूरी होने के बाद ठीक शाम 4 बजे उसे वापस तिहाड़ भी पहुंचना है.

सुरक्षा में पुलिस की बेस्ट टीम 
लेकिन बात सिर्फ 6 घंटे की नहीं है. ये 6 घंटे दिल्ली राजस्थान और हरियाणा पुलिस के लिए एक चुनौती भी है. शादी के लिए 6 घंटे की पेरोल देते वक्त कोर्ट ने साफ हिदायत दी है कि काला जठेड़ी की सुरक्षा के लिए पुलिस अपनी बेस्ट टीम को मैदान में उतारे और पुलिस ऐसा ही कर रही है.

शादी में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त
जानकारी के मुताबिक काला जठेड़ी और अनुराधा की शादी और फिर 13 मार्च को हरियाणा के जठेड़ी गांव में गृह प्रवेश की रस्म के लिए तीनों राज्यों की पुलिस ने अपनी बेस्ट टीम को मैदान में उतारने का फैसला किया है. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल, क्राइम ब्रांच, SWAT और द्वारका पुलिस स्टेशन के स्पेशलिस्ट पुलिसवालों की एक खास टीम बनाई गई है. इस टीम में शामिल वो लोग हैं जो लेटेस्ट ऑटोमेटिक वेपन से लैस, किसी भी हमले से निपटने में माहिर हैं. इनमें से ज्यादातर पुलिसवाले वर्दी में नही बल्कि बकायदा सूट-बूट में होंगे. जेल से लेकर शादी के मंडप तक ये हर जगह, हर पल काला जठेड़ी के ही इर्द-गिर्द मौजूद होंगे. शादी के मंडप में भले ही काला जठेड़ी का फेवरेट हरियाणवी संगीत बज रहा हो. लेकिन इन पुलिसवालों को थिरकने की इजाजत नहीं होगी. क्योंकि लॉरेंस बिश्नोई और काला जठेड़ी के कई केसों की जांच NIA यानि नेशनल इन्वेस्टिगेटिव एजेंसी भी कर रही है. लिहाजा शादी और गृह प्रवेश पर NIA की टीम की भी पूरी नजर होगी.

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काला जठेड़ी की हिफाजत ही नहीं ये काम भी करेगी पुलिस
दरअसल काला जठेड़ी ने अपने इतने दुश्मन बना रखे हैं कि उनमें से कोई भी शादी के मंडप में उसपर हमला कर सकता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि शादी की तारीख, वक्त और जगह अब सबको पता है. ऐसे में कोई भी आसानी से हमला कर सकता है. लेकिन यहां पुलिस को सिर्फ काला जठेड़ी की हिफाजत ही नहीं करनी है बल्कि ये भी देखना है कि कहीं मौका मिलते ही वो खुद ना रफूचक्कर हो जाए. यानि काला जठेड़ी को किसी भी संभावित हमले से बचाना भी है और उसे भागने से रोकना भी है.

बैंक्वेट हॉल के मालिक और स्टाफ के लिए आईडी कार्ड
इसी सुरक्षा को देखते हुए पुलिस की टीम अबतक 3-3 बार द्वारका सेक्टर 3 में मौजूद उस शादी के मंडप की रेकी कर चुकी है. जहां 12 मार्च को शादी होनी है. बैंक्वेट हॉल के मालिक और स्टाफ से कई राउंड की बातचीत हो चुकी है. शादी वाले दिन बैंक्वेट हॉल के जितने भी स्टाफ ड्यूटी पर होंगे, उन सब की ना सिर्फ शिनाख्त कर ली गई है. बल्कि पहचान के लिए उन्हें खास आईडी कार्ड भी दिए गए हैं. बैंक्वेट हॉल के अंदर और बाहर के तमाम सीसीटीवी कैमरों की भी जांच की गई है. खराब कैमरों को फौरन ठीक करने को कहा गया है. पुलिस ने काला जठेड़ी और अनुराधा के परिवार से शादी में शामिल होने वाले मेहमानों की पूरी लिस्ट भी मंगवा ली है.

शादी में शामिल हो सकते हैं फरार गैंगस्टर
अंदेशा है की काला जठेड़ी की शादी में उसके कुछ ऐसे मेहमान भी पहुंच सकते हैं जो अलग-अलग राज्यों की पुलिस के साथ लुका-छुपी का खेल खेल रहे हैं. लॉरेंस और काला जठेड़ी गैंग के ऐसे फरार गैंगस्टरों की भी लिस्ट बनाई गई है. उनकी तस्वीरें शादी में तैनात तमाम पुलिसवालों को भी दी गई है. अगर इनमें से एक दो भी शादी में हाथ लग गए तो पुलिस वालों के लिए ये शादी का शगुन होगा.

12 मार्च को शादी के बाद शाम 4 बजे काला जठेड़ी अपनी दुल्हन को छोड़ कर शादी के मंडप से सीधे वापस तिहाड़ पहुंच जाएगा. अब अदालत ने शादी की इजाजत तो दे दी. पर क्या शादी के बाद पति-पत्नी को कुछ दिन साथ रहने के लिए भी अदालत इजाजत देगी? क्या इसके लिए दोनों एक बार फिर से अदालत का दरवाज़ा खटखटाएंगे?

क्या होती है पैरोल? 
पैरोल सजा पूरी होने से पहले मुजरिम को जेल से मिली कुछ दिनों की रिहाई होती है. जिसके लिए अच्छा व्यवहार होना भी एक शर्त है. इसके लिए कैदी को जेल से बाहर निकलने के लिए जरूरी वजह बतानी पड़ती है और संबंधित राज्य की सरकार उसे पैरोल देने पर आखिरी फैसला करती है.

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