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कुछ दिन पूर्व उप कारागार हल्द्वानी में हुए विवाद का मामला देहरादून तक पहुंच चुका है। कारागार में एक मामूली विवाद को बनभूलपुरा हिंसा के आरोपियों ने सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की थी।

आईजी जेल ने मामले की रिपोर्ट तलब की है और एलआईयू ने भी स्थानीय स्तर पर मामले की रिपोर्ट बनानी शुरू कर दी है। बनभूलपुरा हिंसा के आरोपियों को कारागार की बैरक नंबर दो में रखा गया है। 26 जुलाई को हिंसा के दो आरोपियों का एक अन्य बंदी से विवाद हो गया था। पसीने की बदबू आने पर दूसरे बंदी ने हिंसा के आरोपियों से दीवार से हाथ नीचे रख कर खड़े होने को कहा था।

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इसको लेकर कारागार में जमकर विवाद हुआ था। 29 जुलाई इन्हीं हिंसा के आरोपियों ने मामले का सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की। आरोप लगाया कि कारागार के नाई ने उनकी दाढ़ी काट दी। इस मामले की गाज एक बंदी रक्षक पर गिरी। हिंसा के आरोपियों ने बंदी रक्षक पर अभद्र भाषा इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था।

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जिसके बाद एक माह के लिए बंदी रक्षक की ड्यूटी कारागार द्वार पर लगा दी गई। मामला जेल से बाहर आया तो एलआईयू और इंटेलीजेंस ने भी जांच-पड़ताल शुरू कर दी। इधर, मंगलवार को आईजी जेल ने मामले में रिपोर्ट तलब कर ली। जेल अधीक्षक प्रमोद पांडेय ने बताया कि रिपोर्ट तैयार कर भेज दी गई है। इधर, सूत्रों के हवाले से पता लगा है कि बनभूलपुरा हिंसा के आरोपियों को सितारगंज कारागार में शिफ्ट करने की तैयारी चल रही है।

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कारागार में विवाद की रिपोर्ट मुख्यालय को भेज दी गई। आरोप के आधार पर बंदी रक्षक की ड्यूटी भी बदल दी गई है। फिलहाल कारागार में स्थिति सामान्य है।  -प्रमोद पांडे, जेल अधीक्षक, हल्द्वानी उप-कारागार

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