हल्द्वानी के मेडिकल कॉलेज की यह घटना शुक्रवार की है। दोपहर में एमबीबीएस द्वितीय वर्ष के ब्वायज हास्टल से शोर-शराबे की आवाज आने पर गार्ड पहुंचे। वहां एमबीबीएस प्रथम वर्ष के चार छात्र अलग-अलग कमरों में मौजूद थे। बाद में रैगिंग के मामले की पुष्टि हुई।
राजकीय मेडिकल कॉलेज में रैगिंग का मामला सामने आया है। एमबीबीएस के सीनियर छात्रों पर जूनियर छात्रों के साथ मारपीट और अभद्रता का आरोप है। शिकायत न होने के बावजूद मामला संज्ञान में आने पर कॉलेज प्रबंधन ने सख्ती दिखाई है। एंटी रैगिंग कमेटी ने 10 सीनियर छात्रों पर 25-25 हजार रुपये जुर्माना, छह माह के लिए हास्टल से बाहर और एक सप्ताह तक कक्षा से बाहर करने का निर्णय लिया है। मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी की यह घटना शुक्रवार की है। दोपहर में एमबीबीएस द्वितीय वर्ष के ब्वायज हास्टल से शोर-शराबे की आवाज आने पर गार्ड पहुंचे। वहां एमबीबीएस प्रथम वर्ष के चार छात्र अलग-अलग कमरों में मौजूद थे। गार्ड ने वीडियो बनाया और तत्काल सूचना प्राचार्य प्रो. अरुण जोशी को दी।
एंटी रैगिंग कमेटी को रेफर किया गया था मामला
प्राचार्य ने मौके पर ही जूनियर छात्रों से सीनियर छात्रों वाले हास्टल में आने का कारण पूछा। तब सभी छात्र बात टालते रहे। इस पर शाम को ही प्रबंधन ने अनुशासन समिति की बैठक बुला ली गई। समिति ने मामले को एंटी रैगिंग कमेटी को रेफर कर दिया।
कमरे में बुलाकर की अभद्रता
शनिवार को कमेटी की बैठक में सभी सीनियर-जूनियर छात्रों से पूछताछ हुई। वीडियो देखे गए। पीड़ित एक जूनियर छात्र अपने घर सहारनपुर पहुंच गया था। वीडियो में वह हास्टल के कमरे से रोते हुए निकलते दिखा। अन्य जूनियर छात्रों का आरोप है कि कमरे में बुलाकर सीनियर छात्रों ने अभद्रता की, मुर्गा बनने को कहते हुए कालर पकड़कर गाली दी गईं।
जांच है जारी
कमेटी की जांच के बाद प्राचार्य प्रो. जोशी ने बताया कि हालांकि जूनियर छात्रों ने लिखित में शिकायत नहीं की है। लेकिन एमबीबीएस द्वितीय वर्ष के 10 छात्रों के अलावा प्रकरण में संलिप्त अन्य के बारे में भी जानकारी ली जा रही है। वार्डन की ओर से आरोपितों के व्यवहार की संतोषजनक रिपोर्ट आने के बाद ही इन्हें परीक्षा में सम्मिलित करवाया जाएगा। साथ ही अभिभावकों को भी शपथपत्र भी देना होगा।