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डेरी निदेशालय छह करोड़ की लागत से आधुनिक सेंट्रल लैब बनाएगा। यहां दूध की गुणवत्ता की जांच की जाएगी।उत्तराखंड को-ओपरेटिव डेरी फेडरेशन अपने उत्पाद आंचल की ब्रांड वैल्यू को और बढ़ाने के लिए दूध की आधुनिक मशीनों से जांच के लिए हल्द्वानी के तीनपानी में सेंट्रल लैब की स्थापना करने जा रहा है।

उत्तराखंड को-ओपरेटिव डेरी फेडरेशन अपने उत्पाद आंचल की ब्रांड वैल्यू को और बढ़ाने के लिए दूध की आधुनिक मशीनों से जांच के लिए हल्द्वानी के तीनपानी में सेंट्रल लैब की स्थापना करने जा रहा है। इसकी लागत छह करोड़ होगी। सबकुछ सही रहा तो कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा 16 सितंबर को इसका शिलान्यास करेंगे। अभी लालकुआं में सेंट्रल लैब है, जो पुरानी हो चुकी है।

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बीते दिनों आंचल दूध के सैंपल जांच में फेल हो गए थे। साथ ही विगत कुछ दिनों से आंचल दूध की गुणवत्ता पर सवाल उठाए जा रहे थे। इन सबको देखते हुए डेरी फेडरेशन की ओर से अपनी आधुनिकल सेंट्रल लैब बनाने का निर्णय लिया गया है।

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बाहरी राज्यों के दूध की भी होगी जांच हल्द्वानी। डेरी फेडरेशन दुग्ध समितियों के अलावा बाहरी राज्यों से आने वाले दूध की भी जांच इसी लैब में करेगा जिसकी रिपोर्ट सही पाए जाने के बाद ही दूध लिया जाएगा। यही नहीं, अन्य किसी जिले में दुग्ध संघ को आने वाले दूध के सैंपल की जांच भी इसी लैब में की जाएगी।

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हल्द्वानी में डेरी फेडरेशन की ओर से आधुनिक सेंट्रल लैब बनेगी। इसकी लागत छह करोड़ होगी। लैब में जांच के बाद दूध लिया जाएगा। -मुकेश बोरा, अध्यक्ष, उत्तराखंड डेरी फेडरेशन।

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