खबर शेयर करें -

हल्द्वानी,  इंटरमीडिएट की परीक्षा में उत्तराखंड में टॉप करने वाली हरगोविंद सुयाल सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज, कुसुमखेड़ा की छात्रा कंचन जोशी के पिता धर्मेंद्र जोशी एक निजी कंपनी में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करते हैं। बेटी के प्रदेश भर में सबसे ज्यादा नंबर प्राप्त करने पर धर्मेंद्र जोशी बेहद भावुक हो गए।

उन्होंने कहा कि बेटी की मेहनत और स्कूल के शिक्षकों का मार्गदर्शन से ऐसा संभव हो पाया। कहा कि बेटी कुशाग्र बुद्धि की है, इसलिए उसके अच्छे नंबर आने की उम्मीद थी लेकिन ऐसी आशा नहीं थी कि वह प्रदेशभर में टॉप करेगी। माता खष्टी जोशी गृहणी हैं। वह बताती हैं कि कंचन चंचल स्वभाव की है और हमेशा किसी न किसी काम में लगी रहती हैं।

97.60 प्रतिशत अंक नंबरों के साथ किया टॉप
कंचन जोशी ने इंटरमीडिएट में 97.60 प्रतिशत अंक प्राप्त करके उत्तराखंड में टॉप किया है। वह कहती हैं कि दबाव में पढ़ाई कभी नहीं की। उन्हें स्वयं भी यकीन नहीं था कि प्रदेश भर में उनके सबसे ज्यादा नंबर आएंगे। कहती हैं कि पेपर अच्छे गए थे, अच्छी रैंक की उम्मीद थी लेकिन टॉप करूंगी, ऐसा सोचा नहीं था।

पढ़ाई को लेकर स्कूल में शिक्षकों से डांट खाती लेकिन नियमित पढ़ाई किया करती थी। बताया कि रात में घर के सभी सदस्य सो जाते थे तब वह पढ़ाई करती थी और जब तक उस दिन का कोर्स पूरा नहीं हो जाता था तब तक सोती नहीं थी। बताया कि तीन विषयों भौतिकी, रसायन विज्ञान और गणित की ट्यूशन लेती थी। उनके छोटे भाई अखिलेश जोशी ने भी हाईस्कूल में 92.2 प्रतिशत नंबर प्राप्त किए हैं।

हाईस्कूल में कम नंबर आने पर लगा था बुरा
हाईस्कूल में कंचन जोशी के 92 प्रतिशत नंबर आए थे लेकिन और अधिक नंबरों की उम्मीद थी। उन्होंने कहा कि सभी पेपर अच्छे होने के बावजूद कम नंबर आने में काफी बुरा लगा और तभी ठान लिया था कि इंटरमीडिएड की परीक्षा में और अच्छा करना है।

इंजीनियरिंग के क्षेत्र में बनाना चाहती हैं करियर 
कंचन जोशी इंजीनियरिंग के क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहती हैं। उन्होंने जेईई मेन्स परीक्षा भी उत्तीर्ण कर ली है, अब आगामी 26 मई को उनका एडवांस का पेपर है।

पढ़ाई के साथ मनोरंजन भी जरूरी
कंचन कहती हैं कि पढ़ाई के साथ मनोरंजन भी जरूरी है। बिना मनोरंजन के लाइफ बोरिंग हो जाती है। बताया कि पढ़ाई के अलावा मूर्ति बनाने, पेंटिंग करने, कैलीग्राफी आदि में भी रूचि है। साथ ही, वह कबड्डी, खो खो आदि खेलों में भी स्कूल स्तर की प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग कर चुकी हैं।

सोमवार को था दादा का वार्षिक श्राद्ध 
कंचन अपने दादा को बहुत अच्छा मानती थी। सोमवार को उनके दादा का वार्षिक श्राद्ध था और मंगलवार को उन्होंने इंटर में टॉप किया तो अपनी उपलब्धि दादा को समर्पित की। कहा कि माता-पिता व शिक्षकों के आशिर्वाद व मार्गदर्शन से ही यह उपलब्धि हासिल की है।