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एसटीएच में पथरी के आपरेशन के दौरान डाक्टरों की घोर लापरवाही उजागर हुई है। यहां रानीखेत से आई एक युवती के पेट में चीरा लगाने के बाद बिना उपचार किए ही पेट में टांका लगाकर ओटी से लौटा दिया गया।

सरकारी सिस्टम के हाल और परिस्थितियों के मारे स्वजन बुधवार को डिस्चार्ज कराकर उन्हें हायर सेंटर ले गए। युवती के भाई कुबेर सिंह बिष्ट ने बताया कि उनकी बहन बबीता बिष्ट के पेट में पथरी है। मार्च में समस्या होने पर उन्हें एसटीएच में लाया गया था। जांचें करने के बाद पेट में पथरी होने की पुष्टि हुई।

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वहीं, डाक्टरों ने करीब ढाई माह बाद आपरेशन का समय दिया। निर्धारित तिथि के अनुसार पांच अगस्त यानी सोमवार को बहन को एसटीएच में भर्ती कराया गया। मंगलवार को बाहर से अल्ट्रासाउंड के लिए पर्चा दिया गया। अल्ट्रासाउंड और अन्य जांचों के बाद आपरेशन करने को कहा गया।

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उन्होंने बताया कि आपरेशन थिएटर में ले जाने के बाद बहन के पेट में चीरा लगाया गया और दूरबीन डालकर सर्जरी की प्रक्रिया शुरू की ही गई थी कि आपरेशन के बीच में ही मरीज के आंतरिक अंग आपस में चिपके होने की जानकारी दी गई। इस अवस्था में सर्जरी करना संभव नहीं होने की बात कहते हुए डाक्टरों ने पेट में टांके लगाकर लौटा दिया और करीब डेढ़ से दो माह में फिर से दोबारा जांच करने की बात कही।

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साथ ही जब बुधवार को डिस्चार्ज कराने को कहा गया तो पहले फाइल गायब होने की बात कही। नाराजगी प्रकट करने पर फाइल प्राप्त हुई और रेफर किया गया। कुबेर ने अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाया है। लापरवाह चिकित्सकों पर कार्रवाई की मांग की है।