हल्द्वानी महिला सेल में पारिवारिक विवाद रोजाना सामने आते हैं. इनमें अधिकांश मामले ऐसे हैं, जहां महिला अपने सास-ससुर के साथ नहीं रहना चाहती है. कुछ मामले ऐसे हैं, जिनमें घरेलू झगड़ों से तंग आकर पुरुष नशे के आदी हो रहे हैं और ऐसे में उनका घर तक बर्बाद हो रहा है.
आज कल अक्सर देखने में आता है कि पति-पत्नी के जिस रिश्ते की शुरुआत बहुत प्यार से होते है, वो समय-समय के साथ धीरे-धीरे कम होता चला जाता है. शादी के दो-तीन साल बाद दोनों के बीच तकरार इतना बढ़ जाता है कि कई बार बात तलाक तक पहुंच जाती है. नवदंपति के बीच झगड़े का कारण बहू का सास का पंसद न करना, महिला का नौकरी करना और तमाम तरह के कारण. ऐसे ही तमाम मामले आजकलपुलिस के पास आ रहे है, जिन्हें सुलझाने में पुलिस भी कई बार नाकाम हो जाती है. हल्द्वानी महिला सेल में पारिवारिक विवाद रोजाना समाने आते हैं. महिला सेल में हुई काउंसलिंग में तो यही बात सामने आई है, जिसमे 830 मामलों में 332 नव दंपती से जुड़े मामले सामने आए हैं, जिसमे पत्नी घर का काम नहीं करना चाहती या सास-ससुर से दूर रहना चाहती है. कुछ तो बच्चे को पालने में असमर्थता तक जता चुके हैं. कई मामलों में ऐसा देखा गया है कि पति-पत्नी दोनों साथ नहीं रहना चाहते हैं.
हल्द्वानी महिला सेल में महिलाओं से जुड़े मामलों की सप्ताह में छह दिन काउंसलिंग होती है. एक शिकायती पत्र का समाधान दो महीने में किया जाता है. पुलिस पति-पत्नी दोनों को बुलाकर काउंसलिंग करती है. जरूरत पड़ने पर सास-ससुर को भी बुलाया जाता है. जनवरी से अब तक महिला सेल में 830 मामले रिकार्ड किए गए हैं. हैरानी की बात ये है कि 332 मामले नव दंपती से जुड़े हुए हैं, जिनकी शादी को एक से तीन साल तक का समय हुआ है. युवतियों ने 18 से 20 साल की उम्र में शादी की है. युवक 21 से 23 वर्ष की उम्र में शादी कर चुके हैं. शादी से पहले कई वादे किये जाते हैं. लेकिन बाद में तनातनी बढ़ जाती है. परिवारजनों ने बेटा-बेटी की खुशी के लिए शादी तक उनका साथ देते हैं. अनबन बढ़ने पर उन्हें किनारा करना पड़ रहा है.
नव दंपती के बीच सोशल मीडिया को लेकर झगड़े आम हैं. बच्चों को पालने को लेकर लड़ रहे हैं. नौकरी वाले पतियों पर उनकी पत्नियां संग ले जाने का दबाव बना रही हैं. घर में सास-ससुर के साथ नहीं रहना चाहती. वहीं पति कुछ काम नहीं करने पर अपने स्वजनों पर निर्भर है और कोई घर की जिम्मेदारी संभालने के लिए तैयार नहीं हो पा रहा है. ऐसे में पति के नशे का आदी होने का भी मामला सामने आता. काउंसलिंग में यह बात भी सामने आई है कि पति-पत्नी के बीच झगड़े बढ़ने से पति शराब का ज्यादा सेवन करने लगे हैं. उनके सामने दो तरह की परेशानी है पहला पत्नी की सुननी है. दूसरा माता-पिता को भी मनाना है. दोनों ओर से दबाव बढ़ने पर वह नशे का आदी हो रहा है. शराब के अलावा स्मैक पीने लगा है. इस बात को पुरुष खुद स्वीकार कर रहे हैं.
जानकारों की माने शादी की उम्र होते ही लड़के व लड़कियां शादी कर लेते हैं ऐसे में उन्हें पारिवारिक जिम्मेदारियों के बारे में पूरी समझ नहीं रहती कई बार युवा अपने बिना पैरों पर खड़े ही शादी कर लेता है ऐसे में कामयाबी मिलने पर शादी के बारे में सोचने की जरूरत है. इस पूरे मामले में एसपी सिटी हरबंस सिंह का कहना है कि महिला सेल में पारिवारिक मामले लगातार सामने आ रहे हैं परिवारों को जोड़ने का काम भी किया जाता है, लेकिन जो आंकड़े सामने आए हैं, जहां देखा गया है कि40 प्रतिशत नव दंपती घर की जिम्मेदारियों को नहीं संभाल पा रहे हैं. नव दंपती के बीच इस साल झगड़े के मामले काफी बढ़ गए हैं.काउंसलिंग के दौरान दोनों पक्षों में समझौता कराकर उन्हें जोड़ने का प्रयास किया जाता है.