गौलापार में इंटरनेशनल स्टेडियम के सामने बागजाला में वन विभाग की जमीन को भू-माफिया बेचते रहे। अब जाकर वन विभाग ने दस लोगों के विरुद्ध काठगोदाम थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है। 100-500 रुपये के स्टांप पर चार से लेकर 29 लाख रुपये तक में प्लाट बनाकर बेच दी गई। 1978 में 64 लोगों को 30 साल की लीज पर भूमि दी गई थी।
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गौलापार में इंटरनेशनल स्टेडियम के सामने बागजाला में वन विभाग की जमीन को भू-माफिया बेचते रहे। 100-500 रुपये के स्टांप पर चार से लेकर 29 लाख रुपये तक में प्लाट बनाकर बेच दी गई। अब जाकर वन विभाग ने दस लोगों के विरुद्ध काठगोदाम थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है।
जमीन बेचने और खरीदने वालों के अलावा अवैध काम से जुड़े लोगों के नाम प्राथमिकी में शामिल है। वन विभाग के अनुसार, तराई पूर्वी डिवीजन की गौला रेंज के तहत गौलापार के बागजाला का इलाका पड़ता है। 1978 में 64 लोगों को 30 साल की लीज पर भूमि दी गई थी।
तमाम प्रमाण जुटाने के बाद काठगोदाम थाने में 10 लोगों के विरुद्ध महिला वन आरक्षी की तरफ से प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। थानाध्यक्ष प्रमोद पाठक ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। वहीं, प्राथमिकी दर्ज होने के बाद इस सरकारी जमीनों की खरीद-फरोख्त से जुड़े लोगों में हड़कंप मचा हुआ है।
किसने, किसको, कितने में बेची
तहरीर के अनुसार मोहन चंद्र ने रूप राज को 29.29 लाख में जमीन बेची। जगदीश ने महेश भट्ट को 19.86 लाख में, राम प्रकाश ने इंतियाज को 22.25 लाख में, सलीम अख्तर ने गुलशन को चार लाख रुपये में जमीन बेची।
इन पर दर्ज की गई प्राथमिकी
देवलातल्ला पजाया निवासी रूपराज, जगदीश, कुंदन बिष्ट, महेश भट्ट, इंतियाज, परवीन, देवलातल्ला निवासी मोहन चंद्र, गौला बैराज निवासी राम प्रकाश, लाइन नंबर दस निवासी सलीम अख्तर, काबुल का बगीचा निवासी गुलशन।