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नैनीताल दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ के अध्यक्ष मुकेश बोरा फरार है और अब पुलिस ने उसके घर के खिड़की-दरवाजे उखाड़ने यानी कुर्की की तैयारी कर ली है। उसे वांटेट भी घोषित कराया जाएगा और फिर भी न मिला तो उस पर इनाम रखा जाएगा। पिछले 20 दिन के भीतर मुकेश बोरा दूसरी बार पुलिस को चकमा देकर फरार हुआ है। 

च्यूरीगाड़ धारी ओखलकांडा नैनीताल निवासी मुकेश बोरा के खिलाफ एक सितंबर को लालकुआं निवासी महिला ने दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था। मुकेश ने शिकायतकर्ता विधवा को आउटसोर्स के जरिये नौकरी पर रखवाया और फिर नौकरी परमानेंट करने के नाम पर दुष्कर्म किया। पीड़िता के 164 के बयान हुए तो उसने नाबालिग बेटी के साथ भी छेड़छाड़ का आरोप लगाया।

नाबालिग बेटी के 164 के बयान के बाद लालकुआं कोतवाली में दर्ज दुष्कर्म के मुकदमे में पॉक्सो की धारा बढ़ाई गई। फरार मुकेश की घर के कुर्की के नोटिस जारी होने के बाद गैर जमानती वारंट भी जारी करा दिया गया। 13 सितंबर को हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने अंतरित राहत देते हुए बोरा की गिरफ्तारी पर 17 सितंबर तक रोक लगा दी थी। इसके बाद न्यायाधीश न्यायामूर्ति विवके भारती शर्मा की एकलपीठ ने 17 सितंबर को मामले में सुनवाई की और बोरा की गिरफ्तारी पर रोक लगाने व मुकदमे को निरस्त करने को लेकर दायर याचिका खारिज कर दी है।

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याचिका का आदेश आम होने से पहले ही मुकेश बोरा फिर फरार हो गया। तीन दिन पहले पुलिस ने मुकेश बोरा के खिलाफ 82 एक्ट की कार्रवाई करते हुए उसके हल्द्वानी में ऊंचापुल और ओखलकांडा स्थित मकान पर कुर्की का नोटिस चस्पा कर मुनादी कराई। अब पुलिस ने 83 एक्ट का आदेश भी कोर्ट से ले लिया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार सोमवार को पुलिस संपत्ति कुर्क की कार्रवाई करेगी। जिसकी रिपोर्ट कोर्ट में पेश कर कोर्ट से आदेश लेकर मुकेश को वांटेड घोषित कराया जाएगा। बताया जा रहा है कि मुकेश पर इनाम घोषित करने की तैयारी भी चल रही है। एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा ने बताया कि गिरफ्तारी के प्रयास चल रहे हैं। जल्द ही कुर्की की कार्रवाई की जाएगी। गिरफ्तारी न होने पर जो भी विधिक कार्रवाई होगी उसे अपनाया जाएगा।

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निगरानी कर रही थी पुलिस, चकमा दे गया मुकेश
हाईकोर्ट ने यह कहते हुए मुकेश बोरा को जमानत स्टे दिया था कि उसे पुलिस जांच में सहयोग करना होगा और हर रोज अल्मोड़ा कोतवाली में हाजिरी लगानी होगी। हालांकि न तो उसने अपना मोबाइल पुलिस को उपलब्ध कराया और न ही जांच में सहयोग किया। इधर, 17 सितंबर को हाईकोर्ट में उसके प्रार्थना पत्र पर सुनवाई पूरी हुई और उधर मुकेश फिर एक बार अल्मोड़ा से फरार हो गया। जाने से पहले उसने अल्मोड़ा कोतवाली में हाजिरी भी नहीं लगाई और किसी व्यक्ति का नाम पर लेकर पुलिस से बहाना बनाकर फरार हो गया। मुकेश बोरा जो नया नंबर इस्तेमाल कर रहा था, वह भी अब बंद है। इस नंबर की डिटेल पुलिस ने खंगाली तो पता लगा कि यह नंबर किसी और के नाम पर चल रहा था। पता लगा है कि मुकेश अल्मोड़ा एक होटल में ठहरा था।

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