हल्द्वानी उपकारागार के तीन जेल कर्मियों पर दुष्कर्म का आरोप लगाकर एक महिला पुलिस को बिना तहरीर दिए अस्पताल से लापता हो गई। उसने किराए का कमरा भी खाली कर दिया।
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पहाड़पानी निवासी महिला हल्द्वानी में एक मकान में किराये पर रहती थी। आठ मई को शांतिभंग के आरोप में गिरफ्तार कर सिटी मजिस्ट्रेट की कोर्ट में पेश किया गया था। पेशी के दौरान उसने सिटी मजिस्ट्रेट से अभ्रदता की थी। कोर्ट ने इसे हल्द्वानी उपकारागार भेज दिया। 11 मई को सिटी मजिस्ट्रेट कोर्ट ने बयान लेकर महिला को छोड़ दिया। 17 मई को दोपहर करीब 1:45 बजे वह सुशीला तिवारी अस्पताल पहुंच गई और तीन जेल कर्मियों पर दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए मेडिकल कराने की मांग की। सुशीला तिवारी अस्पताल के डाक्टरों ने मेडिकल किया और पीआई कोतवाली भेज दी। कोतवाली पुलिस जब सुशीला तिवारी अस्पताल पहुंची तो वह महिला डाक्टरों को बिना बताए वहां से चली गई। उसने किसी भी चौकी-थाने में तहरीर नहीं दी। उधर पुलिस ने जब खोजबीन की तो पता चला कि महिला पूर्व में भी ऐसे आरोप लगा चुकी है। पुलिस ने पड़ताल की तो पता चला कि वह किराये का कमरा भी खाली कर चुकी है।
रिहाई के समय मजिस्ट्रेट के सामने नहीं दिया कोई बयान
सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह ने बताया कि 11 मई को जमानत के लिए महिला को उनकी कोर्ट में पेश किया गया। मजिस्ट्रेट के बयान के समय उसने किसी पर कोई भी आरोप नहीं लगाया। उसके बयान भी दर्ज किए गए हैं। कहा कि इसके बाद महिला को पुलिस की सुरक्षा में उसके घर छुड़वाया गया।
पुलिस के पास अस्पताल से पीआई आई थी। पुलिस के अस्पताल पहुंचने से पहले महिला चली गई। अभी तक उसने किसी थाने में शिकायत दर्ज नहीं कराई है। शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।
-पंकज भट्ट एसएसपी नैनीताल
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